16 अगस्त की सुबह रेप पीड़िता ने अपने गवाह दोस्त के साथ सुप्रीम कोर्ट के सामने ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर खुद को आग लगा ली थी.
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प्रयागराज: रेप के आरोपी बसपा सांसद अतुल राय को प्रयागराज एमपी एमएलए कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. स्पेशल कोर्ट ने अतुल राय की अग्रिम विवेचना प्रार्थना पत्र की अर्जी खारिज कर दी. अतुल राय ने बीते दिनों कोर्ट में अर्जी दाखिल कर अपने ऊपर लगे दुष्कर्म के आरोपों की अग्रिम विवेचना कराए जाने की मांग की थी. इस मामले में आज यानी गुरुवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने अधिवक्ताओं की दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुनाया. कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 7 सितंबर की तारीख दी है. बता दें कि वाराणसी के लंका थाने में अतुल राय के खिलाफ युवती ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था. इसी मामले में सांसद प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद है.
16 अगस्त को पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट के सामने किया था आत्मदाह
16 अगस्त की सुबह रेप पीड़िता ने अपने गवाह दोस्त के साथ सुप्रीम कोर्ट के सामने ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर खुद को आग लगा ली थी. जिसके बाद दोनों को गंभीर हालत में राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां घटना के 9 दिनों के अंदर ही दोनों ने दम तोड़ दिया था. युवती और युवक ने ये आत्मघाती कदम उठाने से पहले फेसबुक पर लाइव होकर एक वीडियो भी बनाया था. लाइव के दौरान ही दोनों ने खुद को आग लगाई. इस दौरान युवती ने पुलिस और प्रशासन पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था. आत्मदाह करने का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया.
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क्या है पूरा मामला?
1 मई 2019 को बलिया की रहने वाली पीड़िता ने वाराणसी के लंका थाने में सांसद अतुल राय के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था. पीड़िता का आरोप था कि अतुल राय ने 7 मार्च 2018 को उसे लंका स्थित अपने फ्लैट में अपनी पत्नी से मिलाने के बहाने बुलाया था. वहां पहुंचने पर सांसद और उनके साथियों ने युवती के साथ दुष्कर्म किया गया. उसका अश्लील वीडियो भी बना लिया. गिरफ्तारी से बचने के लिए अतुल राय अंडरग्राउंड हो गए. 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान भी वह गायब ही रहे. इसके बावजूद घोसी सीट से वह जीत गए. सांसद बनने के बाद उन्होंने सरेंडर कर दिया था.
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सांसद ने पीड़िता पर लगाया था ब्लैकमेल करने का आरोप
अतुल राय ने भी पीड़िता के ऊपर ब्लैकमेल करने समेत कई आरोप लगाए थे. इसके बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भारतेंद्र सिंह की अदालत ने पीड़िता के खिलाफ धोखाधड़ी मामले में गैर जमानती वारंट (NBW) जारी किया था. अदालत ने यह आदेश दो अगस्त को वाराणसी कमिश्नरेट की कैंट पुलिस की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद दिया था.
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