राजा महमूदाबाद और उनके परिजनों के पास उत्तर प्रदेश में अधिकतम जोत सीमारोपण अधिनियम के तहत निर्धारित अधिकतम सिंचित और असिंचित भूमि (Irrigated and Non-Irrigated Land) के अलावा भी जमीन पाई गई है.
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लखनऊ: एडीएम कोर्ट के आदेश के अनुसार सीतापुर, लखीमपुर और बाराबंकी में करीब 422 हेक्टेयर की भूमि के अभिलेखों से राजा मदमूदाबाद के दावों को खारिज कर दिया गया है. इसके साथ ही अपर जिलाधिकारी प्रशासन के कोर्ट ने अतिरिक्त भूमि को सीलिंग घोषित कर दिया है. कोर्ट ने शनिवार को तीनों जिलों के डीएम को आदेश दिया है कि जमीनों को कब्जे में ले लिया जाए. आदेश में कहा गया है कि 'यूपी अधिकतम जोत सीमारोपण अधिनियम 1960 की धारा 10-2 के तहत राजा महमूदाबाद अमीर मोहम्मद और उनके परिवार द्वारा सीतापुर में 388.301 हेक्टेयर, लखीमपुर खीरी में 10.659 हेक्टेयर और बाराबंकी में 23.05 हेक्टेयर सहित कुल 422.05 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि पर पर दावा खारिज करते हुए सीलिंग घोषित की जाती है.'
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400 करोड़ रुपये आंकी जा रही जमीनों की कीमत
राजा महमूदाबाद और उनके परिजनों के पास उत्तर प्रदेश में 'अधिकतम जोत सीमारोपण अधिनियम' के तहत निर्धारित अधिकतम सिंचित और असिंचित भूमि (Irrigated and Non-Irrigated Land) के अलावा भी जमीन पाई गई है. ऐसे में अतिरिक्त भूमि को सीलिंग घोषित कर दिया गया है. डीएम को जारी आदेश में कहा गया है कि घोषित की गई भूमि अमल दरामद कर कब्जे में ले ली जाए. सील की गई जमीनों की कीमत 400 करोड़ के आसपास बताई जा रही है. बता दें, सीतापुर में 388.301 हेक्टेयर की कीमत करीब 388 करोड़, लखीमपुर खीरी में 10.659 हेक्टेयर की कीमत करीब 11 करोड़ और बाराबंकी में 23.05 हेक्टेयर की कीमत करीब 23 करोड़ है.
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2016 में सरकार ने जारी किया था अध्यादेश
बता दें, काफी लंबे समय से राजा महमूदाबाद कई अदालतों में हजारों शत्रु संपत्तियों पर अपनी दावेदारी बताते हैं. लखनऊ समेत कई शहरों की संपत्तियों पर उनका दावा था. इसके बाद केंद्र सरकार ने साल 2016 में अध्यादेश बनाया जिसमें शत्रु संपत्तियों पर कस्टोडियन बैठाने का फैसला लिया गया था. इसके बाद से अध्यादेश में लगातार संशोधन कर कस्टोडियन को कई अधिकार दिए गए. इसके चलते देश की सभी शत्रु संपत्तियां सरकार के कब्जे में आ गईं.
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अब नहीं होगी जमीन की कमी
माना जा रहा है कि एडीएम कोर्ट के इस आदेश के बाद से अब कई कामों के लिए आराम से जमीन मिल सकेगी और जमीन की किल्लत दूर होगी. अमल दरामद के बाद जमीन सरकार के कब्जे में आ जाएगी और प्रशासन के पास इसके आवंटन का अधिकार होगा.
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सभी दावे हुए खारिज
एडीएम प्रशासन के अनुसार अतिरिक्त सिंचित, असिंचित (Irrigated and Non-Irrigated Land)और ऊसर भूमि (Waste Land) पर किसी भी दावे को अब खारिज कर दिया गया है. अब सभी संपत्तियों को डीएम तत्काल अमल दरामद कर सरकार के कब्जे में लेंगे.
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