अयोध्या में अब भगवान राम और रामायण पर होगी रिसर्च, बनेगा रिसर्च इंस्टीट्यूट
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अयोध्या में अब भगवान राम और रामायण पर होगी रिसर्च, बनेगा रिसर्च इंस्टीट्यूट

अमावा राम मंदिर में भगवान राम और रामायण से संबंधित शोध के लिए रामायण रिसर्च इंस्टीट्यूट और सरस्वती संस्कृत विद्यालय की स्थापना की जाएगी. 

अयोध्या स्थित अमावा राम मंदिर.

अयोध्या: अयोध्या में राम मंदिर के साथ-साथ भगवान राम और रामायण से संबंधित शोध को लेकर रामायण रिसर्च इंस्टिट्यूट की स्थापना भी की जा रही है. राम जन्मभूमि परिसर से सटे अमावा राम मंदिर में रामायण रिसर्च इंस्टिट्यूट और सरस्वती संस्कृत विद्यालय बनाने की तैयारी चल रही है. आपको बता दें कि अमावा राम मंदिर पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर ट्रस्ट का ही हिस्सा है.

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रामायण से संबंधित किए जाएंगे रिसर्च
अमावा राम मंदिर के प्रमुख किशोर कुणाल का कहना है कि अमावा राम मंदिर में भगवान राम और रामायण से संबंधित रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए रामायण रिसर्च इंस्टीट्यूट और सरस्वती संस्कृत विद्यालय की स्थापना की जाएगी. जिसमें दुनियाभर में उपलब्ध विभिन्न भाषाओं की रामायण की पांडुलिपि भी संरक्षित की जाएगी.

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साथ ही वाल्मीकि रामायण से लेकर संस्कृत भाषा की रामायण पर रिसर्च किया जाएगा. इसके अलावा तमिल, तेलुगू , कन्नड़ , हिंदी, मलयालम समेत देश की अन्य भाषाओं में मौजूद रामकथा पर भी शोध किया जाएगा.

मार्च में दो किताबें होंगी प्रकाशित
किशोर कुणाल ने बताया कि परिसर में पुस्तकालय का भी निर्माण किया जाएगा. यहां इंडोनेशिया, थाईलैंड, मलेशिया जैसे अन्य देशों में होने वाली रामायण व रामकथाओं का भी पुस्तकालय बनाया जाएगा. रामायण रिसर्च इंस्टिट्यूट में रिसर्च स्कॉलर्स भी रखे जाएंगे, जो सभी विषयों पर तुलनात्मक अध्ययन करेंगे. उन्होंने बताया कि इस इंस्टिट्यूट की पहली दो किताब मार्च में प्रकाशित होगी.

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पहली किताब का नाम 'रामो विग्रहवां ना धर्मा' व दूसरी किताब का नाम 'वाल्मीकि रामायण' है. इसके साथ ही महावीर मंदिर पटना ट्रस्ट तीन हजार श्रद्धालु को प्रतिदिन भोजन कराए जाने का लक्ष्य निर्धारित कर रहा है. यह वह श्रद्धालु होते हैं जो राम लला के दर्शन करने के बाद अमावां मंदिर में भोजन प्रसाद ग्रहण करते हैं.

पूर्व IPS अधिकारी है मंदिर के प्रमुख
अमावा राम मंदिर के प्रमुख व पटना महावीर मंदिर के ट्रस्टी आचार्य किशोर कुणाल पूर्व आईपीएस अधिकारी है. इसके साथ ही बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष और पटना के ज्ञान निकेतन नामक प्रसिद्ध विद्यालय के संस्थापक भी हैं.

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