Navratri 2024 Prasad: नवरात्रि का पर्व शुरू हो रहा है ऐसे में मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए बहुत ही विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. नवरात्र के समय ग्रहों के शुभ संयोग पर पूजा करने से अधिक फलदायी होता है.
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Navratri 2024 Prasad for 9 Days: नवरात्रि का पर्व शुरू हो रहा है ऐसे में मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए बहुत ही विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. नवरात्र के समय ग्रहों के शुभ संयोग पर पूजा करने से अधिक फलदायी होता है. अगर आप इस विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर भोग लगाएंगे तो इसका लाभ आपको मिल सकेगा.
प्रथम दिन शैलपुत्री को ये विशेष भोग
नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा की जाती है. इस दिन मां शैलपुत्री को गाय के घी भोग लगाने चाहिए. इससे आरोग्य लाभ की प्राप्ति होती है. नवरात्रि में कर रहे हैं उपवास तो इन नियमों का पालन जरुर करना चाहिए.
नवरात्रि के दूसरे और तीसरे दिन की पूजा
नवरात्र के दूसरे दिन मां दुर्गा के द्वितीय स्वरूप देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा जाती है. इस दिन देवी ब्रह्मचारिणी को शक्कर का भोग लगाना चाहिए. नवरात्र के तीसरे दिन मां दुर्गा के तृतीय स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. इस दिन मां चंद्रघंटा को दूध का भोग चढ़ाएं और उसे जरूरतमंद को दान कर देना चाहिए. ऐसा करने से धन-वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.
नवरात्रि के चौथे और पांचवे दिन
नवरात्र के चौथे दिन मां दुर्गा के चतुर्थ स्वरूप कुष्मांडा की पूजा की जाती है. इस दिन माता को मालपुआ का भोग लगाते हैं साथ ही जरूरतमंद को दान देना चाहिए. ऐसा करने से मनोबल बढ़ता है. नवरात्र के पांचवे दिन माता स्कंदमाता की पूजा की जाती है. स्कंदमाता कुमार कार्तिकेय की माता हैं. ऐसा माना जाता है कि पूरा दिन उपवास रखने के बाद माता को केले का भोग लगाने से सारी सिद्धियां प्राप्त होती हैं. साथ ही शरीर स्वस्थ रहता है
नवरात्रि के छठा दिन जरुर लगाएं भोग
माता दुर्गा का छठा रूप कात्यायनी है. माता कात्यायनी ऋषि कात्यायन की पुत्री हैं. इस दिन उपासक विधि-विधान से पूजा करता है. इस दिन माता को शहद का भोग लगाते हैं. इससे उपासक को आकर्षण शक्ति मिलती है.
नवरात्रि के सप्तमी तिथी पर विशेष
नवरात्र के सप्तमी तिथी पर माता के कालरात्रि के स्वरूप की पूजा-आराधना की जाती है. कहा जात है कि माता बुरी शक्तियों का नाश करती हैं. इसलिए इन्हे कालरात्री कहा जाता है. इस दिन पूरे समय उपवास के बाद माता को गुड़ का भोग लगाते हैं. साथ ही ब्राह्मण को दान भी दिया जाता है. इससे प्रसन्न होकर माता सारे आकस्मिक रूप से आने वाले संकट से बचाती हैं.
नवरात्रि के अष्ठमी पर दान
नवरात्र के अष्ठमी के दिन माता के आठवें रूप महागौरी की पूजा अर्चना की जाती है. इस दिन माता को नारियल का भोग लागते हैं. साथ ही नारियल ब्राह्मण को दान में दिया जाता है. इससे मां प्रसन्न होकर हर संभव कार्य पूर्ण करती हैं. वहीं नि: संतानों की मनोकामना पूरी करती हैं
नवरात्रि के नौवें दिन तिल का भोग
नवरात्र के नौवें दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा आराधना की जाती है. कहा जाता है कि माता सिद्धिदात्री सभी प्रकार की सिद्धियां देती हैं. नवमी तिथि का व्रत रख कर तिल का भोग लगाते हैं. इस मां प्रसन्न होती है. उपासक का पूरा दिन कल्याणकारी रहता है. साथ ही अनहोनी घटनाओं से बचाता है.
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