Somvati Amavasya kab hai: इस साल की आखिरी सोमवती अमावस्या दिवाली के दिन ही पड़ रही है. लक्ष्मी पूजन में सोमवती अमावस्या का संयोग होना बहुत फलदायी माना गया है तो आइये जानते हैं कि किस मुहूर्त में पूजन करना शुभ रहेगा?.
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Somvati Amavasya kab hai: सोमवती अमावस्या के दिन स्नान और दान का अपना ही महत्व है. सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से अखंड सौभाग्य मिलता है. तो आइये जानते हैं साल की आखिरी सोमवती अमावस्या कब पड़ रही है?. सोमवती अमावस्या पर किन उपायों से पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है.
अंतिम सोमवती अमावस्या
साल 2023 की अंतिम सोमवती अमावस्या कार्तिक अमावस्या के दिन पड़ रही है. कार्तिक आमवस्या को दिवाली अमावस्या भी कहते हैं, क्योंकि कार्तिक अमावस्या को प्रदोष काल में दिवाली मनाते हैं. जानकारी के मुताबिक, किसी भी माह की जो अमावस्या सोमवार के दिन होती है, उसे सोमवती अमावस्या कहते हैं.
तीन शुभ योग बन रहे
साल 2023 के आखिरी सोमवती अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि समेत 3 शुभ योग बन रहे हैं. इसमें सौभाग्य, शोभन और सर्वार्थ सिद्धि योग शामिल हैं. कार्तिक अमावस्या 12 नवंबर दिन रविवार को दोपहर 2 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी, जो 23 नवंबर सोमवार को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट तक रहेगी.
सोमवती अमावस्या कब है?
ऐसे में उदयातिथि के आधार पर साल की अंतिम सोमवती अमावस्या 13 नवंबर को है. 13 नवंबर को सोमवती अमावस्या के दिन आप ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और दानकर सकते हैं. उस दिन प्रात:काल से सौभाग्य योग बना हुआ है.
सोमवती अमावस्या का महत्व
सोमवती अमावस्या के दिन स्नान-दान के अलावा भगवान शिव और माता पार्वती की भी पूजा की जाती है. उस दिन सुहागन महिलाएं व्रत रखकर शिव और गौरी की पूजा करती हैं. भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. भगवान भोलेनाथ हर मनोकामना पूर्ण करते हैं.
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