बीते दिनों में चरक अस्पताल में 10, चंदन हॉस्पिटल में 11, अपोलो हॉस्पिटल में 17 और मेयो हॉस्पिटल में 10 कोरोना मरीज भर्ती किए. पला चला कि इलाज के दौरान इन सभी मरीजों की मौत हो गई.
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पवन सिंह/लखनऊ: उत्तर प्रदेश की रालधानी लखनऊ में प्राइवेट अस्पतालों द्वारा कोरोना संक्रमितों के इलाज में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. शहर के चार प्राइवेट अस्पतालों से कुल 48 कोरोना संक्रमित बीते दिनों में भर्ती किए गए और इलाज के दौरान इन सभी की मौत हो गई. लखनऊ जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने चारों निजी अस्पतालों को नोटिस जारी कर इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है. नोटिस के मुताबिक, लापरवाही पाए जाने पर इन प्राइवेट अस्पतालों के खिलाफ ऐपिडेमिक ऐक्ट के तहत कार्रवाई भी होगी.
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बीते दिनों में चरक अस्पताल में 10, चंदन हॉस्पिटल में 11, अपोलो हॉस्पिटल में 17 और मेयो हॉस्पिटल में 10 कोरोना मरीज भर्ती किए. पला चला कि इलाज के दौरान इन सभी मरीजों की मौत हो गई. नियम के मुताबिक अस्पतालों में भर्ती होने के लिए आने वाले सभी मरीजों की कोरोना जांच अनिवार्य है. ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि कई प्राइवेट अस्पताल बिना कोविड जांच किए ही मरीजों को एडमिट कर ले रहे हैं. बाद में मरीज की तबीयत बिगड़ने पर कोरोना जांच हो रही है तो रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है. इसके अलावा कई अस्पतालों में संक्रमितों की शिफ्ट करने में देरी के मामले भी सामने आ रहे हैं.
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डीएम अभिषेक प्रकाश ने बताया कि जिन चार प्राइवेट अस्पतालों को नोटिस जारी किया गया है, प्रथमदृष्टया उनके द्वारा कोविड मरीजों की जांच में लापरवाही बरतने की बात सामने आई है. अस्पतालों में प्रोटोकॉल के अनुरूप होल्डिंग एरिया न होने से मरीजों को दिक्कतें हुईं.
इन अस्पतालों को नोटिस भेज जवाब मांगा गया है कि आखिर क्या वजह है कि अब तक भेजे गए सभी कोविड संक्रमितों की मौत हो गई. डीएम ने बताया कि जवाब मिलने के बाद अस्पतालों पर कार्रवाई की जाएगी.
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