गर्भवती महिलाओं के लिए ऊर्जा की पोटली है खरमास का महीना, जानिए क्यों और कैसे?
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गर्भवती महिलाओं के लिए ऊर्जा की पोटली है खरमास का महीना, जानिए क्यों और कैसे?

  सनातन संस्कृति और वैदिक ज्योतिष के अनुसार खरमास का महीना मां के गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए अच्छा रहता है. दक्षिणायन का आखिरी महीना ही खरमास होता है.

सांकेतिक तस्वीर

नई दिल्ली: 15 दिसंबर से खरमास (Kharmas 2020) का महीना शुरू हो गया है जो कि 14 जनवरी 2021 को खत्म होगा. इसी के साथ मांगलिक कार्य एक महीने के लिए बंद हो गए हैं. हिंदू धर्म में खरमास के महीने को शुभ नहीं माना जाता. धार्मिक मान्यता के अनुसार जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है, तब खरमास लगता है. इस दौरान सूर्य मलिन हो जाता है. इसीलिए इस महीने को मलमास भी कहा जाता है.

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तीर्थयात्रा और भगवान विष्णु की पूजा के लिए इस महीने को काफी उत्तम माना गया है. दक्षिणायन का आखिरी महीना ही खरमास होता है. मकर संक्रांति से देवताओं का दिन शुरू हो जाता है. इसी दिन खरमास समाप्त हो जाता है. इस महीने में जहां शुभ काम मना किया गया है तो वहीं गर्भवती महिलाओं के लिए ये खास है, खासकर उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए.

ऊर्जा की पोटली है ये खरमास
कानपुर के ज्योतिषाचार्य दीपक कुमार दीक्षित (लंकेश) के मुताबिक  सनातन संस्कृति और वैदिक ज्योतिष के अनुसार खरमास को किसी भी शुभ काम के लिए अच्छा नहीं माना जाता, लेकिन जो शिशु किसी मां के गर्भ में पल रहा है उसको ऊर्जावान बनाने का यह बहुत ही सुनहरा अवसर है.

क्या करें?
आचार्य के मुताबिक यदि आप सक्षम हैं तो आप संस्कृत के मंत्रों का जाप करें. यदि आपको पढ़ने में असुविधा हो रही है तो मोबाइल के जरिए मंत्रों को सुन सकती हैं. आप गायत्री मंत्र , महामृत्युंजय मंत्र, आदित्य हृदय स्त्रोत और राम रक्षा स्त्रोत मंत्रों को सुनें. इनको सुनने से आपकी होने वाली संतान ज्ञानवान और ऊर्जावान होगी.

क्या न करें?
गर्भवती महिलाएं सफेद मिठाई को न खाएं. जहां पर जरूरत न हो वहां पर न जाएं. किसी से भी दान न लें. वाणी पर संयम रखें और किसी से ऊंचे स्वर में बात न करें. ज्यादा तेज आवाज वाले संगीत को न सुनें.

ज्योतिषाचार्य दीपक कुमार दीक्षित (लंकेश) के मुताबिक खरमास 15 दिसंबर 2020 की शाम के बाद से सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर रहे हैं जिस कारण से खरमास लग जाता है. ऐसा कहा जाता है कि खरमास में किसी भी प्रकार का कोई भी शुभ कार्य प्रारंभ नहीं किया जाता चाहे वो कोई गृह प्रवेश हो विवाह हो या फिर हमें किसी नए प्रतिष्ठान का शुभारंभ करना हो. आचार्य के मुताबिक हमें सभी शुभ कार्यों को एक महीने के लिए आगे बढ़ा देना चाहिए. ये खरमास सूर्य के मकर राशि में संक्रांति करते ही समाप्त हो जाएगा उसके बाद हम हर प्रकार के शुभ कार्य कर सकते हैं.

सूर्य की उपासना
दैविक, दैहिक और भौतिक कष्टों से मुक्ति के लिए भगवान सूर्य की उपासना असरदार मानी गई है. ऐश्वर्य और सम्मान के अभिलाषियों को खरमास में ब्रह्म मुहूर्त में सूर्य की आराधना करनी चाहिए.

दान पुण्य करना चाहिए
खरमास (KHARMAS) के महीने को पूजा पाठ करने वाला महीना कहा जाता है. वहीं दान पुण्य करने से कई गुना फल प्राप्त होता है. खरमास के दौरान सुबह सूर्य की उपासना करके गरीबों और जरूरतोंमंदों को अपनी सामर्थ्य के अनुसार जरूरत की वस्तु दान करें. गाय की सेवा करें. इससे भगवान कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही परिवार में खुशियां और संपन्नता आती है

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