'PFI ने मुस्लिमों को किया शर्मिंदा', जानें इस्लामिक संगठनों ने बैन पर क्या कहा, सपा ने उठाए सवाल तो ओवैसी ने साधी चुप्पी
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'PFI ने मुस्लिमों को किया शर्मिंदा', जानें इस्लामिक संगठनों ने बैन पर क्या कहा, सपा ने उठाए सवाल तो ओवैसी ने साधी चुप्पी

Popular Front of India Banned: भारत सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया समेत तमाम मोर्चों को गैरकानूनी घोषित कर दिया है. केंद्र ने सभी संस्थाओं पर 5 साल का बैन लगा दिया है. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया बैन पर कई इस्लामिक संगठनों और नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है. 

Popular Front of India

Popular Front of India News: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर भारत सरकार ने 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. गृह मंत्रालय की ओर से इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है. यूएपीए एक्ट के तहत इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया गया है. पीएफआई पर बैन लगने के बाद तमाम मुस्लिम संगठन, नेता-राजनेताओं समेत बड़ी हस्तियों की प्रतिक्रिया सामने आ रही है. केंद्र सरकार के इस फैसले का यूपी के सीएम योगी समेत कई लोगों ने समर्थन किया है. हालांकि, समाजवादी पार्टी ने सरकार के फैसले को पॉलिटिकल स्टंट बताया है. 

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात ने किया फैसले का स्वागत 
बरेली स्थित ऑल इंडिया मुस्लिम जमात (All India Muslim Jamaat) पीएफआई पर प्रतिबंध के समर्थन में आया है. राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने प्रधानमंत्री का शुक्रिया किया है. मौलाना ने बताया कि इस्लाम हमेशा से प्यार मोहब्बत का पैगाम देता है. इस्लाम में कट्टरपंथी की कोई जगह नहीं है. PFI जैसे कट्टरपंथी संगठनों ने इस्लाम की छवि को धूमिल किया है.
इस वजह से मुसलमानों को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है. पीएफआई ने युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया है. उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार का PFI जैसे कट्टरपंथी संगठन को बैन करने का फैसला काबिले तारीफ है. मै इसका स्वागत करता हूं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार को यह कदम पहले ही उठाना चाहिए था क्योंकि इस कट्टरपंथी संगठन ने भारत के हजारों नौजवानों के भविष्य को अंधकार में धकेला है. हमने पहले भी ऐसे कट्टरपंथी संगठनों को बैन करके की भारत सरकार से मांग की थी. 

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सूफी इस्लामिक बोर्ड ने जाहिर की खुशी 
वहीं, पीएफआई के बैन होने पर सूफी इस्लामिक बोर्ड ने इसे अपनी जीत बताकर खुशी का इजहार की है. सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता कशिश वारसी ने कहा कि पीएफआई बैन हमारी फतह है. अगर अपने मजहब के लोगों को सही इस्लाम दिखाया होता तो ऐसे दिन न देखने पड़ते. उन्होंने आगे कहा कि ऐसे लोग जो अपने कौम के लोगों को गुमराह करें. देश के खिलाफ खड़ा करें, सही रास्ता ना दिखाएं ऐसे हर संगठन को सरकार को बैन कर देना चाहिए. मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि बिना जाति और धर्म के आधार पर देश में कोई भी संगठन या व्यक्ति विशेष अगर देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हो तो तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए. 

मुसलमानों को समझना चाहिए कि PFI देश विरोधी था: कौसर हसन मजीदी
सूफी खानकाह एसोसिएशन ने भी पीएफआई पर बैन का स्वागत किया. सूफी खानकाह एसो. के अध्यक्ष कौसर हसन मजीदी ने कहा कि मुसलमानों को समझना चाहिए कि पीएफआई देश विरोधी था. संगठन के बैन के विरोध में लोगों को कोई प्रदर्शन नहीं करना चाहिए. बता दें कि पिछले कई सालों से सूफी खानकाह एसो. पीएफआई पर बैन की मांग कर रहा था. एसोसिएशन ने लगातार पीएफआई के खिलाफ अभियान छेड़ रखा था. 

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सपा ने सरकार के फैसले को बताया पॉलिटिकल स्टंट 
जहां एक ओर देश के तमाम मुस्लिम संगठन सरकार के इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर सपा ने इसे महज एक पॉलिटिकल स्टंट बताते हुए सरकार पर हमला बोला है. सपा प्रवक्ता अमीक जामेई ने कहा कि PFI पर बैन लगाना इस्लामोफोबिया फैलाने, किसानों-युवाओं के अधिकार और आरक्षण पर हमले से ध्यान हटाकर 2024 में वोट के लिए धुरुवीकरण के लिए एक कदम है. इससे ज्यादा और कुछ नहीं है. वहीं, हैदराबाद से सांसद और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने अभी तक इस मामले पर चुप्पी साध रखी है. 

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