दुनिया की सबसे खूंखार महिला सीरियल किलर की कहानी, जो वर्जिन लड़कियों के खून से नहाती थी
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दुनिया की सबसे खूंखार महिला सीरियल किलर की कहानी, जो वर्जिन लड़कियों के खून से नहाती थी

मोहब्बत की खातिर अपने ही परिवार के 7 लोगों की हत्या करने वाली शबनम के  फांसी की चर्चा इस समय पूरे देश में है. उसने 2008 में अपने प्रेमी के साथ मिलकर परिवार के सभी लोगों का गला काट दिया था. मरने वालों में एक मासूम भी था. हालांकि शबनम ने यह सब अपना प्यार पाने के लिए किया था.

एलिजाबेथ बाथरी (विकीपीडिया फोटो)

नई दिल्ली: मोहब्बत की खातिर अपने ही परिवार के 7 लोगों की हत्या करने वाली शबनम के  फांसी की चर्चा इस समय पूरे देश में है. उसने 2008 में अपने प्रेमी के साथ मिलकर परिवार के सभी लोगों का गला काट दिया था. मरने वालों में एक मासूम भी था. हालांकि शबनम ने यह सब अपना प्यार पाने के लिए किया था. लेकिन दुनिया में इससे भी खतरनाक एक रानी थी जिसने हमेशा जवान बने रहने के 600 लड़कियों का खून किया था. आज उसी के बारे में आपको बताएंगे.

  1. बाथटब में वर्जिन लड़कियों का खून एकट्ठा करती और घंटों तक नहाती
  2. इतनी खूंखार थी फिर भी नहीं हुई फांसी की सजा
  3. 600 से ज्यादा कत्ल किए, 80 के लिए सजा हुई
  4. वर्जिन लड़कियों के प्राइवेट पार्ट को काट देती थी
  5. महल में खूबसूरत लड़कियों को बुलाती और कत्ल कर देती
  6.  

कहानी 500 साल पुरानी है. भारत से 6000 किलोमीटर दूर हंगरी के एक राजघराने में एक लड़की जन्म लेती है. परिवार ने बड़े प्यार से उसका नाम एलिजाबेथ बाथरी रखा था. बचपन बढ़िया बीता लेकिन 15 साल की उम्र तक आते-आते एलिजाबेथ अपराध की दुनिया में एंट्री करती है. उसे खूबसूरत लड़कियों से नफरत-सी थी. उसकी सनक इस कदर थी कि वह लड़कियों के प्राइवेट पार्ट काट देती थी. उनके खून को बाथ टब में भरकर नहाती थी. वह सब इसलिए करती थी ताकि जवां रह सके. पूरी दुनिया में एलिजाबेथ का नाम सबसे खतरनाक सीरियल किलर्स के रूप में जाना जाता है. 

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चाचा ने सिखाई शैतानी, चाची से सीखा लड़कियों को तड़पाना
ऐसा कहा जाता है कि एलिजाबेथ के माता-पिता और अन्य रिश्तेदार काफी क्रूर थे. घर के इस माहौल में पली-बढ़ी एलिजाबेथ कम उम्र में ही गुस्सैल स्वभाव की हो गई थी. घर में छोटी-छोटी बातों पर वह खूंखार रुख अख्तियार कर लेती थी. उसने देखा था कि कैसे उसके परिवार के लोग गरीबों को मारते-पीटते थे. यह भी कहा जाता है कि एलिजाबेथ अपने अंकल से शैतानी सीखी थी जबकि किसी को तड़पाया कैसे जाता है, यह उसकी चाची ने सिखाया था.

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शादी के बाद मिला पति भी खूंखार निकला
एलिजाबेथ बाथरी हंगरी की शादी फेरेंक नैडेस्डी नामक व्यक्ति से हुई थी. वह तुर्कों के खिलाफ युद्ध में हंगरी के हीरो थे. एलिजाबेथ अपने पति के सामने ही खूबसूरत निर्दोष लड़कियों का खून बहा देती थी. कुंवारी लड़कियों का खून करना उसका शौक बन चुका था. शादी के करीब 10 साल बाद एलिजाबेथ को तीन बेटियां और एक बेटा हुआ. सन् 1600 में एलिजाबेथ के पति की मौत हो गई थी. पति की मौत के बाद एलिजाबेथ कैस्टेल यानी नॉर्थवेस्ट हंगरी आ गई. जिसे अब स्लोवाकिया के नाम से जाना जाता है. हंगरी आने के बाद उसने अपने साथ कई सारे नौकर रखे थे. उसकी इस सनक में उसके नौकर भी बराबर साथ देते थे. 

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बाल खींचने पर उतार दी थी लड़की की खाल
एक दिन एक लड़की से एलिजाबेथ के बाल संवार रही थी. गलती से उसने उसके बाल जोर से खींच दिए. इस पर एलिजाबेथ को इतना गुस्सा आया कि उसने लड़की को जोरदार थप्पड़ जड़ दिया. लड़की के कान के पास से खून निकलने लगा. उसकी खाल खींच ली. उसके हाथों में जवान लड़की का खून लग गया. उसने अपना नहीं धोया. उस रात एलिजाबेथ को ऐसा लगा कि उसके हाथ में जहां लड़की का खून लगा था वहां उसकी स्किन और भी जवां और खूबसूरत हो गई है. एलिजाबेथ हमेशा जवां और खूबसूरत दिखना चाहती थी. उसने किसी से सुना भी था कि कुंवारी लड़कियों के खून से नहाने से वहा ऐसा हमेशा बनी रह सकती है. इस घटना ने उसके अरमानों को पंख लगा दिए थे. 

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वर्जिन लड़कियों के खून से घंटों नहाया करती 
वह अब सोचने लगी की अगर लड़की के खून से उसकी स्किन इस तरह हो गई है तो वर्जिन लड़कियों का खून तो उसे और भी खूबसूरत बना देगा. उसकी सनक भारी होती गई. कई बार तो ऐसा होता था कि वो लड़कियों के चेहरे और शरीर के दूसरे अंगों का मांस दांतों से काट लेती थी. बुरी तरह प्रताड़ित कर लड़कियों के हत्या करने में उसे मज़ा आता था. वह लड़कियों के प्राइवेट पार्ट को काटकर खून निकालती थी. लड़कियों को मारने के बाद उनके खून को बाथटब में इकट्ठा कर घंटों नहाया करती थी. कई बार तो वह खुद लड़कियों को उनका ही मांस खाने को मजबूर कर देती थी. 

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महल में जो लड़कियां आईं, जिंदा वापस न गईं
शातिर और चालाक दिमाग एलिजाबेथ हमेशा अपने शिकार के लिए आसपास के गांव से गरीब लड़कियों को बुलवाती थी. रसूख वाली थी इसलिए उसे कोई मना भी नहीं कर पाता था. महल में आने के बाद किसी का वापस लौट जाना नामुमकिन था. लडकियां एलिजाबेथ के जाल में फंस जाती थीं. उसके पागलपन का शिकार हो जाती थीं. धीरे-धीरे आसपास के इलाकों की लड़कियां गायब होने लगीं. 

बेड़ियों से बंधी मिली थीं कुंवारी लड़कियां
गांव वालों ने एलिजाबेथ की शिकायत करने का फैसला किया. वे हंगरी के राजा के पास गए. उसे गिरफ्तार करने की गुहार लगाई. गांव वालों की बात सुन कर राजा ने सच्चाई पता करने का आदेश दिया. जब जांच दल महल पहुंचा तो अवाक रह गया. महल में लड़कियों की लाशें बेड़ियों में बंधी थीं. कुछ जिंदा लड़कियां भी थीं. जिन्हें बुरी तरह टॉर्चर किया गया था. एलिजाबेथ और तीनों नौकरों को गिरफ्तार कर लिया गया. सन् 1585 से 1610 के बीच करीब 600 से ज्यादा कुंवारी लड़कियों के खून से इस वहशी महिला के हाथ सन चुके थे.

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600 कत्ल के बाद भी फांसी नहीं
जांच में उसके नौकरों ने रूह कंपा देने वाली सच्चाई बयां की. एलिजाबेथ और उसके नौकरों को 80 हत्याओं का आरोपी बनाया गया. जबकि सबूत बताते हैं कि कुल 600 महिलाओं की हत्या की गई थी. एलिजाबेथ के नौकरों को मौत की सजा दी गई. जबकि मुख्य आरोपी एलिजाबेथ को जिंदगी भर एक कमरे में बंद रखने की सजा दी गई. ऐसा इसलिए क्योंकि वह शाही परिवार से ताल्लुक रखती थी और शाही परिवार के किसी भी सदस्य को फांसी देने का प्रावधान नहीं था. एलिजाबेथ को फांसी तो नहीं हुई, लेकिन एक कमरे में बंद कर दिया गया. करीब साढ़े तीन साल बाद उसी कमरे में 21 अगस्त 1614 को उसने दम तोड़ दिया था.

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