चंद्रो तोमर को योगी सरकार का सम्मान: 'शूटर दादी' के नाम से जाना जाएगा नोएडा शूटिंग रेंज
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चंद्रो तोमर को योगी सरकार का सम्मान: 'शूटर दादी' के नाम से जाना जाएगा नोएडा शूटिंग रेंज

बागपत जिले की अंतरराष्ट्रीय शूटर रहीं दादी चंद्रो तोमर को उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ी श्रृद्धांजलि दी है. उनका कोरोना संक्रमण के कारण हाल में निधन हो गया था. योगी सरकार ने नोएडा स्टेडियम स्थित शूटिंग रेंज का नामकरण चंद्रो तोमर शूटिंग रेंज  कर दिया है.

बागपत की शूटर दादी चंद्रो तोमर का 30 अप्रैल को कोरोना से निधन हो गया था.

नोएडा: बागपत जिले की अंतरराष्ट्रीय शूटर रहीं दादी चंद्रो तोमर को उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ी श्रृद्धांजलि दी है. उनका कोरोना संक्रमण के कारण हाल में निधन हो गया था. योगी सरकार ने नोएडा स्टेडियम स्थित शूटिंग रेंज का नामकरण चंद्रो तोमर शूटिंग रेंज  कर दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी.

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सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने ट्वीट में लिखा, ''नोएडा में स्थापित शूटिंग रेंज को अब प्रख्यात निशानेबाज, जीवटता, जिजीविषा व नारी सशक्तिकरण की प्रतीक चंद्रो तोमर जी के नाम से जाना जाएगा. चंद्रो तोमर जी के नाम पर शूटिंग रेंज का नामकरण, उत्तर प्रदेश सरकार के मिशन शक्ति अभियान की भावनाओं के अनुरूप मातृ शक्ति को नमन है. दादी चंद्रो तोमर ने अपने योगदान से प्रदेश के साथ देश का नाम भी रोशन किया है.''

अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर 50 से अधिक पदक जीतकर कामयाबी हासिल करने वाली बागपत के जौहड़ी गांव निवासी चंद्रो तोमर का हाल ही में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण निधन हुआ था. तबीयत अधिक खराब होने के बाद उनको बागपत से मेरठ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. जहां 30 अप्रैल को उनका निधन हो गया.

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शामली के मखमूलपुर गांव में शूटर दादी चंद्रो तोमर का जन्म 1 जनवरी 1932 को हुआ था. सोलह साल की उम्र में जौहड़ी के किसान भंवर सिंह से उनकी शादी हो गई. वर्ष 1998 में जौहड़ी में शूटिंग रेंज की शुरुआत डॉ. राजपाल सिंह ने की. लाडली पौत्री शेफाली तोमर को निशानेबाजी सिखाने के लिए वह रोज घर से शूटिंग रेंज तक जाती थी.

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शेफाली शूटिंग सीखती और चंद्रो तोमर देखती रहती थी. एक दिन चंद्रो तोमर ने शेफाली से एयर पिस्टल लेकर खुद निशाना लगाया. पहला निशाना दस नंबर पर लगा. दादी की निशानेबाजी देख रहे बच्चों ने तालियां बजाईं. चंद्रो तोमर की निशानेबाजी का सफर यहीं से शुरू हुआ. चंद्रो और उनकी जोड़ीदार रहीं प्रकाशी तोमर की शूटर बनने की यात्रा पर बॉलीवुड फिल्म ''सांड की आंख'' बनी है. 

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