यूपी में मौजूद व्यवस्था के तहत उम्मीद है कि इनमें से 30 हेल्थ सेंटर की सौगात गौतमबुद्ध नगर को मिलेगी.सेंटर्स बढ़ने से नोएडा के आस पास के गांव को लेगों को भी बेहतर इलाज मिल सकेगा.
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गौतमबुद्धनगर: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आम बजट को लेकर चर्चाओं और आंकलन का दौर जारी है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा को इस बजट से क्या क्या मिला, इसका विश्लेषण करने पर कई सेक्टर्स में विकास की गति में तेजी दिखने की उम्मीद है.
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स्वास्थ्य सेवाओं पर क्या असर?
हेल्थ बजट में 135 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. जानकारों के मुताबिक, इसका फायदा नोएडा की स्वास्थ्य सेवाओं की सेहत पर भी देखने को मिल सकता है. मिडिल क्लास को
बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी. बजट में की गई घोषणा के मुताबिक, देश में 75 हजार नए हेल्थ सेंटर खुलेंगे. यूपी में मौजूद व्यवस्था के तहत उम्मीद है कि इनमें से 30 हेल्थ सेंटर की सौगात गौतमबुद्ध नगर को मिलेगी. सेंटर्स बढ़ने से नोएडा के आस पास के गांव के लोगों को भी बेहतर इलाज मिल सकेगा. इस समय जिले में सरकारी अस्पतालों के अलावा 6 सामुदायिक केंद्र, 18 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 22 हेल्थ सेंटर्स हैं. हेल्थ सेंटर्स अब लोगों की सेहत से जुड़ी रिपोर्ट, क्षेत्र में बीमारियों का रिकॉर्ड तो रखेंगे ही, साथ ही ग्राउंड लेवल पर और बेहतर तरीके से मॉनिटरिंग भी की जाएगी. नोएडा के कुछ अस्पतालों में गंभीर बीमारी के इलाज का जो अभाव है, उन्हें भी तकनीकी रूप से बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.
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FDI में बढ़ोत्तरी, हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों की सेवा पर दिख सकता है पॉजिटिव असर
गौतमबुद्ध नगर में 900 प्राइवेट अस्पताल और क्लीनिक रजिस्टर्ड हैं. 900 में से 300 ही फिलहाल इंश्योरेंस कंपनियों की लिस्ट में शामिल हैं. FDI (Foreign Direct Investment) में 49 प्रतिशत से 74 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के बाद स्वास्थ्य विभाग से जुड़े जानकार मान रहे हैं कि एफडीआई बढ़ने से हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों में विदेशी कंपनियों की भागेदारी बढ़ेगी. जिससे बीमा धारक को बेहतर सर्विस मिल सकेगी.
स्वच्छता सर्वेक्षण मिशन में लंबी छलांग लगाने का मौका
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बजट में शहरी स्वच्छ भारत मिशन पर भी फोकस किया है. इसके लिए बजट में 41 हजार करोड़ का प्रावधान है. बता दें, नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को स्वच्छता सर्वेक्षण से जुड़ी योजनाओं में खर्च होने वाले पैसों का बोझ खुद ही उठाना पड़ता है.
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स्क्रैप पॉलिसी से नोएडा को फायदा या नुकसान?
नोएडा में शहर के अलग अलग इलाकों में पुराने वाहन कबाड़ के तौर पर पड़े हुए हैं. परिवहन विभाग के सामने बड़ी चुनौती है. पुराने वाहनों को अगर सीज कर भी लिया जाए, तो उन्हें रखा कहां जाए? ऐसे में अब स्क्रैप पॉलिसी का फायदा ये होगा कि पुराने वाहनों के पार्ट्स बड़े पैमाने पर रीयूज किए जाएंगे. जहां-तहां पुराने वाहन कबाड़ के तौर पर पड़े हैं, ऐसे वाहनों को स्क्रैप किया जा सकेगा.
रियल एस्टेट के लिए बजट में क्या है?
आम बजट में अफोर्डेबल हाउसिंग प्रॉजेक्ट पर भी फोकस किया गया है. उम्मीद है इससे एनसीआर के बायर्स को फायदा मिलेगा. अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट पर फोकस करने के मायने इस बात से भी निकाले जा रहे हैं कि इससे प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रोजेक्ट बढ़ेंगे.
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