Monsoon Session: कांवड़ यात्रा रूट नेमप्लेट विवाद पर बोले मेरठ सांसद अरुण गोविल, जो हुआ है ठीक हुआ
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Monsoon Session: कांवड़ यात्रा रूट नेमप्लेट विवाद पर बोले मेरठ सांसद अरुण गोविल, जो हुआ है ठीक हुआ

Parliament Monsoon Session: आज से संसद का बजट सत्र सोमवार (22 जुलाई) से शुरू हो गया है. इस दौरान विपक्ष नीट पेपर लीक, रेलवे सुरक्षा और कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी सरकार के फैसले सहित कई मुद्दे उठा सकता है. संसद में कल बजट पेश किया जाना है. 

Parliament  Monsoon Session

Monsoon Session: संसद के मॉनसून सत्र का दूसरा चरण सोमवार को सावन के पहले दिन से शुरू हो गया है.  इस बीच उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों के लिए नेमप्लेट लगाने का विवाद गर्म है और आसार हैं कि उत्तर प्रदेश के विपक्षी दल इस मुद्दे को संसद में जोरशोर से उठा सकते हैं. संसद में सपा के 37 और कांग्रेस के छह सांसदों की मजबूत ताकत के बीच इस मुद्दे पर हंगामा हो सकता है. विपक्षी दल इस पर चर्चा के लिए कार्यस्थगन प्रस्ताव भी दे सकते हैं.

जो हुआ है ठीक हुआ -अरुण गोविल
उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर 'नेमप्लेट' लगाने के निर्देश पर भाजपा सांसद अरुण गोविल ने कहा, "मुझे इसमें कोई समस्या नहीं दिख रही है। जो हुआ है ठीक हुआ है..."

 

सदन शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने कहा-"नई संसद के गठन होने के बाद जो पहला सत्र था, 140 करोड़ देशवासियों ने बहुमत के साथ जिस सरकार को सेवा करने का आदेश किया उसकी आवाज को कुचलने का अलोकतांत्रिक प्रयास हुआ। 2.5 घंटे तक देश के प्रधानमंत्री का गला घोंटने का, उनकी आवाज को रोकने का लोकतांत्रिक परंपराओं में कोई स्थान नहीं हो सकता। इसका कोई पश्चाताप तक नहीं है।"

संसद सत्र के अंदर विपक्ष को जवाब
विपक्षी सांसदों द्वारा लोकसभा में NEET परीक्षा का मुद्दा उठाए जाने पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, पिछले 7 सालों में पेपर लीक का कोई सबूत नहीं मिला है. यह (NEET) मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कह सकता हूं कि NTA के बाद 240 से अधिक परीक्षाएं सफलतापूर्वक आयोजित की गई हैं..."

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, "मुद्दा यह है कि देश में लाखों छात्र हैं जो इस बात से बेहद चिंतित हैं कि क्या हो रहा है और उनका मानना ​​है कि भारतीय परीक्षा प्रणाली एक धोखाधड़ी है.  लाखों लोग मानते हैं कि अगर आप अमीर हैं और आपके पास पैसा है, तो आप भारतीय परीक्षा प्रणाली को खरीद सकते हैं और यही भावना विपक्ष की भी है...

उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर, मेरठ, सहारनपुर, हापुड़ से लेकर पूरे कांवड़ मार्ग पर इन दिनों इसी फरमान का पालन पुलिस और प्रशासन करा रहा है. सभी दुकानदारों से अपनी दुकानों पर नाम पहचान जाहिर करने को कहा गया है. हिन्दू नाम से दुकानें चला रहे मुस्लिम दुकानदारों को लेकर सवाल उठाया गया है. कहा गया है कि इससे हिन्दू भावनाएं आहत होती हैं. धर्म के नाम पर पहचान छिपाकर धंधा करना गलत है. 

योगी सरकार की घेराबंदी
हालांकि सरकार को विपक्षी दलों के साथ सहयोगी दलों के नेता भी घेर रहे हैं. उनका कहना है कि नेमप्लेट विवाद को सांप्रदायिक रंग दिया गया है. यह दोनों धर्मों के बीच खाईं चौड़ी करने का प्रयास है. अखिलेश यादव, राहुल गांधी के अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने भी इसको लेकर हमला बोला है. एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी इसको लेकर लगातार हमलावर हैं. उन्होंने कहा कि नाम पहचान जाहिर करने के बाद मुस्लिमों के होटल-ढाबे पर कोई खाना खाने नहीं जा रहा है. वहीं राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख जयंत चौधरी ने भी इसे अनावश्यक कदम बताया है. उन्होंने कहा कि क्या अब कुर्ते में भी नाम लिखवाना पड़ेगा. क्या गले मिलने से पहले हम किसी का धर्म नाम पूछेंगे.

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