UP by Elections 2024: यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ चुका है. पार्टियां समीकरण बिठाने में जुट गई हैं. 2007 से अब तक हुए उपचुनाव के आंकड़े सत्ता के मुफीद साबित होते दिखे हैं.
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UP by Elections 2024: चुनावी शंखनाद से पहले ही उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए पार्टियां समीकरण बिठाने में जुट गई हैं. इन सीटों पर कौन बाजी मारेगा, इसका पता चलने में भले समय हो लेकिन कयासबाजी अभी से शुरू हो गई है. बीजेपी सभी सीटों पर जीत का दावा ठोक रही है तो सपा लोकसभा के प्रदर्शन से गदगद है. बसपा के उपचुनाव में उतरने से लड़ाई त्रिकोणीय हो चुकी है. 2007 से अब तक हुए उपचुनाव के आंकड़े सत्ता के मुफीद साबित होते दिखे हैं.
उपचुनाव में कौन भारी?
उत्तर प्रदेश में साल 2007 से अब तक लोकसभा और विधानसभा की 80 सीटों पर उपचुनाव हुआ है. इस दौरान 2007-2012 तक बसपा, 2012-17 तक सपा और 2017 से अब तक बीजेपी की प्रदेश में सरकार है. उप चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें उस पार्टी के हाथ आईं जो सत्ता पर काबिज थी. उपचुनाव में भले बसपा ज्यादा रुचि नहीं दिखाती हो लेकिन आंकड़ों में उसका सक्सेस रेट सबसे ज्यादा है. जबकि बीजेपी और सपा दोनों के लिए यह उतने खास नहीं रहे हैं. बसपा को सबसे ज्यादा 64 फीसदी जबकि सपा का स्ट्राइक रेट महज 19 फीसदी रहा.
बसपा का उपचुनाव में प्रदर्शन
2007 से 2012 तक बसपा की सरकार में कुल 22 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुआ. बसपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 17 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि सपा के खाते में दो और कांग्रेस, रालोद और निर्दलीय को एक-एक सीट मिली. गौर करने वाली बात यह है कि जिन 22 सीटों पर चुनाव हुए उनमें बसपा के पास केवल तीन सीटें थीं जबकि सपा के पास सबसे ज्यादा 8, बीजेपी के पास चार और कांग्रेस का तीन सीटों पर कब्जा था.
सपा की उपचुनाव में परफॉर्मेंस
सपा सरकार में 2012 से 2017 तक 26 सीटों पर उपचुनाव हुआ. इनमें सपा ने 16 सीटों पर परचम लहराया. वहीं, बीजेपी 6 तो कांग्रेस दो सीटें जीत पाई. उपचुनाव में बसपा ने ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे. जिन सीटों पर उपचुनाव हुआ. उनमें 12 पर बीजेपी और 11 पर समाजवारी पार्टी का कब्जा था जबकि एक-एक सीट कांग्रेस, रालोद और अपना दल के पास थी.
बीजेपी का उपचुनाव में सक्सेस रेट
2017 में प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने के बाद योगी सरकार में 23 सीटों पर उपचुनाव हुआ. जिनमें बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टी अपना दल ने 18 सीटों (बीजेपी 17, अपना दल 1) पर जीत हासिल की. वहीं सपा 5 सीटों पर सिमट गई. चुनाव से पहले इनमें से 19 पर बीजेपी का कब्जा था यानी उपचुनाव में पार्टी को एक सीट का नुकसान हुआ. योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अब तक 10 सीटों पर उपचुनाव हो चुका है. जिनमें 4 पर बीजेपी, 2 उसकी सहयोगी अपना दल, 1 रालोद को मिलीं. जबकि 3 पर सपा ने परचम लहराया.
उपचुनाव में 10 सीटों की लड़ाई
अब देखना होगा जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं, उन पर कौन सा दल बाजी मारता है. उपचुनाव वाली सीटों की बात करें तो गाजियाबाद सदर, मिल्कीपुर, कटेहरी, फूलपुर, मझवां, मीरापुर, खैर और कुंदरकी विधानसभा सीट शामिल हैं. पांच सीटों पर समाजवादी पार्टी का कब्जा था. जबकि तीन सीटें बीजेपी और एक एक सीट निषाद पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के पास थीं. सीसामऊ पर सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा के बाद सदस्यता जाने के चलते चुनाव होगा.
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