Explainer: पहाड़ों पर बर्फबारी और उत्तर भारत में शीतलहर की वजह से ठिठुरन बढ़ती जा रही है... देश के कई हिस्सों में सीवियर कोल्ड डे की स्थिति बनी हुई है. मौसम विभाग ने देश के कुछ हिस्सों में 7 जनवरी तक ऐसी ही स्थिति बने रहने की संभावना जताई है.
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Difference Between Cold and Severe Day: पहाड़ों पर बर्फबारी और उत्तर भारत में शीतलहर की वजह से ठिठुरन बढ़ती जा रही है. देश के कई हिस्सों में सीवियर कोल्ड डे की स्थिति बनी हुई है. मौसम विभाग ने देश के कुछ हिस्सों में 7 जनवरी तक ऐसी ही स्थिति बने रहने की संभावना जताई है. उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड (Weather in North India) जारी है. मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर-पश्चिम भारत शीत लहर की चपेट में है और अगले 3 दिनों तक इससे राहत नहीं मिलने वाली... आखिर कोल्ड वेव कब कही जाती है, कोल्ड डे क्या होता है, नॉर्मल टेंपरेचर किसे कहते हैं, यहां जानें सब कुछ..
मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक सर्दी में तापमान के मुताबिक ही यह तय किया जाता है कि कोल्ड डे है या सीवियर कोल्ड डे. जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से कम होता है और अधिकतम तापमान में सामान्य के मुकाबले 4.5 डिग्री की कमी आ जाती है, तो इसे कोल्ड-डे कहते हैं. वहीं, जब न्यूनतम तापमान में 10 डिग्री से कम रहता है लेकिन अधिकतम तापमान में सामान्य के मुकाबले 6.4 डिग्री की कमी आ जाती है तो इसे सीवियर कोल्ड डे कहते हैं.
क्या होता है कोल्ड डे?
अधिक सर्दी वाली दिन को दो कैटेगरी में बांटा गया है, कोल्ड डे और सीवियर कोल्ड डे. मौसम विभाग के मुताबिक, 'कोल्ड डे' तब होता है जब न्यूनतम तापमान सामान्य से 10 डिग्री सेल्सियस से कम या उसके बराबर होता है और अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस कम होता है. इसके अलावा अगर न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस या उससे कम दर्ज हो तब भी कोल्ड वेव मानी जाती है.
क्या होता है सिवियर कोल्ड Day ?
'severe cold day' तब होता है जब अधिकतम तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री सेल्सियस या उससे और ज्यादा कम होता है.
सामान्य तापमान क्या होता है?
सामान्य तापमान यानी नॉर्मल टेंपरेचर की गणना हर 5 दिनों के लिए होती है. यह पिछले 30 सालों से ज्यादा वक्त से उन दिनों का औसत तापमान होता है.
कब होती है कोल्ड वेव?
मैदानी इलाकों में अगर किसी वेदर स्टेशन पर न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम रहे या फिर यह सामान्य तापमान से 4.5 डिग्री से लेकर 6.4 डिग्री सेल्सियस तक कम हो तो ये स्थिति शीत लहर कहलाएगी. इसके अलावा अगर न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस या उससे कम दर्ज हो तब भी कोल्ड वेव मानी जाती है. मैदानी और पहाड़ी इलाकों के लिए कोल्ड वेव के पैमाने अलग-अलग हैं. अगर मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान गिरकर 2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाए या फिर न्यूनतम तापमान में सामान्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा गिरावट दिखे. पहाड़ी इलाकों में अगर न्यूनतम तापमान शून्य या उससे नीचे हो जाए तो कोल्ड वेव मानी जाती है. इसके अलावा अगर न्यूनतम तापमान सामान्य से 4.5 से लेकर 6.4 डिग्री सेल्सियस तक कम हो तब भी कोल्ड वेव की स्थिति होती है.
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