प्रथम चरण के राम मंदिर निर्माण में 50 फीट गहरी नीव के 48 लेयर बनने के बाद दूसरे चरण में 18 इंच मोटी राफ्ट निर्माण का कार्य किया जा रहा है. यह बहुत ही टेक्निकल और महत्वपूर्ण निर्माण कार्य है. क्योंकि इसी के ऊपर भगवान राम के मंदिर की फर्श का निर्माण कार्य शुरू होना है और उस फर्श पर राम मंदिर का निर्माण होना है.
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मनमीत गुप्ता/अयोध्या: रामजन्मभूमि परिसर में विराजमान रामलला के मंदिर के नींव के दूसरे चरण के निर्माण का काम शुरू हो चुका है. राफ्ट निर्माण के काम में प्रतिदिन कई मीट्रिक टन बर्फ का इस्तेमाल हो रहा है. अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के दूसरे चरण में तापमान का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. यही कारण है कि अब दिन की जगह रात के तापमान में राम मंदिर निर्माण का कार्य किया जा रहा है.
प्रथम चरण के राम मंदिर निर्माण में 50 फीट गहरी नीव के 48 लेयर बनने के बाद दूसरे चरण में 18 इंच मोटी राफ्ट निर्माण का कार्य किया जा रहा है. यह बहुत ही टेक्निकल और महत्वपूर्ण निर्माण कार्य है. क्योंकि इसी के ऊपर भगवान राम के मंदिर की फर्श का निर्माण कार्य शुरू होना है और उस फर्श पर राम मंदिर का निर्माण होना है.
राफ्ट निर्माण में टेंपरेचर का विशेष ध्यान
राफ्ट अथार्त चट्टान निर्माण में टेंपरेचर का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. निर्माण कंपनी टाटा कंसलटेंसी और लार्सन एंड टूब्रो के विशेषज्ञ इंजीनियर 23 डिग्री तापमान में राफ्ट निर्माण का कार्य कर रहे हैं. यह कार्य रात्रि के समय तापमान 25 डिग्री सेल्सियस मिलने पर किया जा रहा है. और 25 डिग्री सेल्सियस से नीचे 23 डिग्री सेल्सियस के करीब राफ्ट निर्माण के निर्माण में बहुत सारी बर्फ का प्रयोग किया जा रहा है.
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय का कहना है कि राफ्ट के निर्माण के लिए 23 डिग्री सेल्सियस की तापमान की जरूरत है इसको देखते हुए रात्रि के समय और राम कथा चट्टान के निर्माण का कार्य किया जा रहा है. इसके लिए बहुत सारी बर्फ का प्रयोग किया जा रहा है. अब जरूरत है तापमान और गिरे जब 23 डिग्री सेल्सियस के करीब तापमान हो तो निर्माण का कार्य सुचारू रूप से तेजी के साथ गति पकड़ सके.
17 ब्लॉकों में राफ्ट के निर्माण का कार्य
बता दें कि 17 ब्लॉकों में राफ्ट के निर्माण का कार्य किया जा रहा है. पहले रात का निर्माण ढाई फीट के करीब होना था लेकिन अब इसका मोटाई घटाकर डेढ़ फीट कर दी गई है. माना जा रहा है कि 15 नवंबर तक राफ्ट के निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा. उसके बाद राम मंदिर के फर्श के निर्माण का कार्य शुरू किया जाएगा और फर्श में जिसे प्लिंथ कहते हैं विंध्यवासिनी धाम मिर्जापुर के लाल बलुआ पत्थर और ग्रेनाइट का प्रयोग किया जाएगा
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