lodheswar mahadev temple: मंदिर परिसर में गूंज रहे बम-बम के नारे, लाखों श्रद्धालु कर रहे महादेवा के दर्शन, यहां शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से मनोकामनाए होती है पूरी. दूर होते है कष्ट और रोग.
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नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में महाशिवरात्रि को लेकर भारी संख्या में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है.मंदिर में भगवान लोधेश्वर का जलाभिषेक और उनकी पूजा-अर्चना करने के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है. श्रद्धालु लोधेश्वर मंदिर में चारों ओर बम-बम भोले के जयकारे लगा रहे हैं. तो वहीं मंदिर के आसपास दुकाने सज गई हैं. श्रद्धालु पूजा अर्चना के बाद खरीदारी कर रहे हैं.
कहां स्थित है मंदिर
बाराबंकी के तहसील रामनगर में स्थित लोधेश्वर महादेवा मंदिर की खास मान्यता है. शिवरात्रि पर्व पर हर साल यहां बड़े और आलीशान स्तर पर मेल लगता है. शिवरात्रि को लेकर महादेवा में प्रदेश के उन्नाव, कानपुर, झांसी, उरई, जालौन, सीतापुर, बिठूर, हमीरपुर, बांदा, हरदोई, झांसी, सहारनपुर, लखनऊ समेत विभिन्न जिलों के साथ-साथ कई दूसरे राज्यों से भी कांवड़िए गंगाजल लेकर भगवान लोधेश्वर का जलाभिषेक करने आते है.
जलाभिषेक के लिए लंबी कतारों में लगे श्रद्धालु
महाशिवरात्रि के पर्व को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. लाखों की संख्या में श्रद्धालु रोज लोधेश्वर महादेव मंदिर पहुंच रहे हैं. महादेवा पहुंच रहे श्रद्धालु मंदिर परिसर के पास स्नान कर जलाभिषेक के लिए लंबी लंबी कतारों में लग रहे हैंऔर इस दौरान महादेव के जयकारे लगा रहे हैं.
जलाभिषेक से होती है हर मनोकामना पूरी
महादेवा मंदिर के मठ पुजारी ने बताया कि शिवरात्रि एर सावन के महीने में यहां पर जलाभिषेक करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होरी है.हां जलाभिषेक के लिए दूर-दूर से लाखों की संख्या में शिव आते हैं. यहां पर दर्शन और पूजा-अर्चना करने से मन को शांति मिलती है और सभी कष्ट दूर होते हैं.
लोधेश्वर मंदिर की मान्यता
लोधेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना पांडवों ने की थी.फाल्गुन का मेला यहां खास अहमियत रखता है. पूरे देश से लाखों श्रद्धालू यहां कावड़ लेकर शिवरात्रि के पर्व पर जलाभिषेक करने आते हैं. माना जाता है की वेद व्यास मुनि की प्रेरणा ने रुद्र महायज्ञ का आयोजन किया था.घाघरा नदी के किनारे कुल्छात्तर नमक जगह पर इस यज्ञ का आयोजन किया गया था. महादेव से 2 किलोमीटर उत्तर नदी के पास आज भी कुल्छात्तर में यज्ञ कुंड के प्राचीन निशान मौजूद हैं. उसी दौरान इस शिवलिंग की स्थापना पांडवों ने की थी
सुरक्षा को लेकर पुलिस ने किए पुख्ता इंतजाम
शिवरात्रि के पर्व पर मंदिर और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर उपमहानिरीक्षक एपी सिंह ने बताया कि शिवरात्रि मेले को लेकर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं. 5 डिप्टी एसपी, 9 इंस्पेक्टर के साथ 500 महिला और पुरुष पुलिसकर्मी मेला परिसर में बराबर तैनात रहेंगे.इसके अलावा पीएसी बल,फ्लड कंपनी और अग्निशमन की भी व्यवस्था की गई है.साथ ही पूरे मेला परिसर में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं.उन्होंने कहा कि मेला को सकुशल पूर्ण कराने के लिए पुलिस प्रशासन लगातार एक्टिव है और हम श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर हर संभव कदम उठा रहे हैं.