ताजमहल कब और क्यों लगातार छह महीने बंद रहा, बाढ़-युद्ध भी बना खूबसूरत स्मारक के दीदार में रोड़ा
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ताजमहल कब और क्यों लगातार छह महीने बंद रहा, बाढ़-युद्ध भी बना खूबसूरत स्मारक के दीदार में रोड़ा

Aamazing Facts about Taj mahal: ताजमहल देश में नहीं विदेश में भी मशूहर है. इसकी खूबसूरती देखने के लिए रोज पर्यटकों की भीड़ रहती है. ये इतना बड़ा है कि इसको घूमने के लिए पूरा दिन चाहिए. क्या आप जानते हैं प्यार की ये निशानी कितने एकड़ में बनी हैं. आइए ये भी जानते हैं कि अब तक ताजमहल कितनी बार सैलानियों के लिए बंद रहा.

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Aamazing Facts about Taj mahal: ताजमहल को प्यार की निशानी कहा जाता है. ताजमहल को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. देश हो या विदेश इसकी खूबसूसरती देख लोग निहारते ही रह जाते हैं. क्या आपको ये खयाल आया है कि आखिर ये कितनी जगह में बना हुआ.  मुगल बादशाह शाहजहां को इसे बनाने का आइडिया कैसे आया. अगर नहीं जानते तो चलिए जान लेते हैं.

किसकी याद में बना ताजमहल
ताजमहल को मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था. इसका निर्माण 1632 में शुरू हुआ था और 1648 में पूरा हुआ था. ताजमहल को बनाने में करीब 22 साल लगे थे. 

कितनी जगह में बना है ताजमहल?
उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित ताजमहल हजारों मजदूरों के मेहनत से तैयार किया गया था. यदि बात करें कि ये कितनी जगह में बना है तो बता दें सफेद संगमरमर से बनी ये खूबसूरत इमारत 17 हेक्टेयर में फैली हुई है. जो 42 एकड़ या 67 बीघा पर बना है. यह परिसर, यमुना नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है. 
 
बादशाह को कैसे आया ताजमहल बनाने का विचार?
शाहजहां को ताजमहल बनाने का आइडिया कैसे आया होगा ये तो आप कभी न कभी सोचते होंगे ही. आपक बता दें जग मंदिर जिसे 17वीं शताब्दी के शुरुआती सालों में महाराजा कर्ण सिंह द्वारा राजकुमार खुर्रम यानी शाहजहां के लिए छिपने के उद्देश्य से बनवाया गया था. 1620-28 के बीच महाराजा कर्ण सिंह ने इस जगह पर शासन भी किया. इसी दौरान राजकुमार खुर्रम ने अपने पिता के खिलाफ बगावत छेड़ दी थी. उस दौरान शाहजहां यहां रहे थे. इतिहासकारों के मुताबिक शाहजहां को इस मंदिर को देखकर उन्हें ताजमहल बनाने की प्रेरणा मिली थी.

कब बना था ताजमहल में  मकबरा
मकबरे का निर्माण अनिवार्य रूप से 1643 में पूरा कर लिया गया था.  अन्य चरणों में काम 10 सालों तक चलता रहा. बहुत से लोगों को ये भी नहीं पता होगा कि ताजमहल का असली नाम क्या है. बता दें कि ताजमहल का असली नाम "रऊजा-ए-मुनव्वरा-ए-मुनव्वरा" (Rauza-i-munawwara) है. जिसका मतलब हिंदी में जगमगाता हुआ मकबरा होता है. आपको बता दें यहां पर मुख्य गुंबद की ऊंचाई 240 फीट है और 4 मीनारों की ऊंचाई 130 फीट है. हर साल लगभग 80 लाख लोग ताजमहल देखने आगरा आते हैं.     

कितनी बार सैलानियों के लिए बंद हुआ ताजमहल
 यह जानना भी दिलचस्प होगा कि ताजमहल के निर्माण होने के 372 साल में कब-कब  मौका आया जब 188 दिन तक लगातार ताज के दरवाजे सैलानियों के लिए बंद रहे.  अब तक ताज केवल तीन बार सैलानियों के लिए बंद किया गया.

पहला मौका
सबसे पहले 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पहली बार पर्यटकों के लिए ताजमहल को बंद किया गया था. इसे उस समय पूरी तरह पेड़ों की टहनियों से ढक दिया गया था.  उस समय यह पर्यटकों के लिए 4 से 18 दिसंबर तक बंद रहा था.

दूसरी बार
दूसरी बार साल 1978 में यमुना में सितंबर के महीने बाढ़ की पानी ताजमहल परिसर में चमेली फर्श के नीचे तक आ गया था. सुरक्षा के  लिहाज से तब सात दिन तक ताजमहल को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था.

तीसरा मौका
तीसरी बार ताजमहल कोरोना संक्रमण के कारण 17 मार्च से 20 सितंबर तक बंद रहा था.  कोरोना संक्रमण के चलते ताजमहल के गेट बंद कर दिए गए थे. ताजमहल की इस अभूतपूर्व छह महीने की बंदी के दौरान यह पहला मौका था, जब न तो शाहजहां का तीन दिवसीय उर्स का आयोजन हुआ और न दो बार ईद की नमाज अदा हो सकी थी.

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