आजम खान को बड़ा झटका, अदालत में अपील खारिज होते ही प्रशासन ने छीन ली रामपुर वाली यूनिवर्सिटी की जमीन
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आजम खान को बड़ा झटका, अदालत में अपील खारिज होते ही प्रशासन ने छीन ली रामपुर वाली यूनिवर्सिटी की जमीन

तहसीलदार कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ जौहर ट्रस्ट ने राजस्व परिषद में याचिका दायर की थी, जिसे राजस्व परिषद ने खारिज कर दिया था। पिटीशन के खारिज होने के बाद में प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए 17.5 बीघा जमीन का चिन्हीकरण कर उस पर कब्जा ले लिया था...

आजम खान को बड़ा झटका, अदालत में अपील खारिज होते ही प्रशासन ने छीन ली रामपुर वाली यूनिवर्सिटी की जमीन

रामपुर: रामपुर से सपा सांसद (Rampur MP) आजम खान (Azam Khan) पहले ही कई सारे मामलों में जेल की हवा खा रहे हैं. अब उन पर चल रहे केसों में एक बड़े केस ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. यह मामला है उनके द्वारा रामपुर (Rampur) में चलाई जा रही मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी (Mohammad Ali Jauhar University) की चकरोड की जमीन का. उन पर इस सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने का मामला चल रहा था. इस मामले में आजम खां को झटका लगा है. उपजिलाधिकारी की कोर्ट ने आजम खां के जौहर ट्रस्ट की अपील (Revision Petition) को खारिज कर दिया है. एसडीएम की कोर्ट ने तहसीलदार की अदालत द्वारा दिए गए चकरोड की जमीन से कब्जा हटाने के आदेश को सही माना है. 

तहसीलदार कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ जौहर ट्रस्ट ने राजस्व परिषद में याचिका दायर की थी, जिसे राजस्व परिषद ने खारिज कर दिया था। पिटीशन के खारिज होने के बाद में प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए 17.5 बीघा जमीन का चिन्हीकरण कर उस पर कब्जा ले लिया था. अब इस पूरी जमीन को ग्राम समाज के नाम कर दिया गया है और इसकी सुपुदर्गी आलियागंज के प्रधान को दे दी गई है.

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इस यूनिवर्सिटी के बारे में जानें
मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय (Mohammad Ali Jauhar University) रामपुर का एक निजी विश्वविद्यालय है. समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान इसके चांसलर है. इस यूनिवर्सिटी को चलाने वाली ट्रस्ट मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट, को साल 2006 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, (यूजीसी) से मान्यता मिली थी. चकरोड की जिस जमीन को लेकर आदेश आया है, उस पर मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के कुलपति का आवास, साइंस फैकल्टी के निकट स्थित एक भवन और मेडिकल कालेज का कुछ हिस्सा भी बना है. कुछ महीने पहले प्रशासन ने कोर्ट के आदेश पर इस यूनिवर्सिटी की तीन ओर से दीवारों को ध्वस्त कर किसानों को अपने खेतों तक पहुंचने का रास्ता बना दिया था. जब उनकी दीवारें तोड़ी गई थीं तो इस कार्रवाई के विरोध में जौहर ट्रस्ट ने हाईकोर्ट की शरण ली थी. हाईकोर्ट ने 31 मार्च 2020 तक भवनों के ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी थी और तहसीलदार के आदेश के खिलाफ एसडीएम कोर्ट में निगरानी दाखिल करने के आदेश दिए थे. एसडीएम ने इस मामले की सुनवाई करते हुए जौहर ट्रस्ट की अपील को खारिज करते हुए तहसीलदार की कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है.

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किसानों ने मुकदमे भी दर्ज कराए थे
मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी बनाने के लिए मोहम्मद आजम खान पर किसानों की जमीनें कब्जाने का आरोप है. साल 2019 में 26 किसानों ने मुकदमे भी दर्ज कराए थे. रामपुर जिला प्रशासन ने आजम खान के खिलाफ भू-माफिया का केस भी दर्ज किया है. आजम पर चकरोड की जमीनों पर कब्जा कर यूनिवर्सिटी की बाउंड्री वॉल बनवाने का आरोप था. रामपुर एडीजे कोर्ट ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र, सरकारी व ​दूसरे लोगों की जमीनों पर अवैध कब्जे के दर्जनों मामलों में मोहम्मद आजम खान, उनकी पत्नी तजीन फातमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को सीतापुर जेल भेज दिया था. तजीन को इस साल की शुरुआत में जमानत मिल गई थी, लेकिन आजम सीतापुर जेल में बंद रहे. यहीं वह कोरोना की चपेट में आए थे.

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