Lucknow News: यूपी में अब आसमानी आफत से बचने का उपाय योगी सरकार ने निकाल लिया है. जानकारी के अनुसार अब प्रदेश में लाइट्निंग अरेस्टस लगने जा रहे हैं. अब हर साल बिजली से होने वाली मौतों को भी कम किया जा सकेगा.
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अजीत सिंह/लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अब प्रदेश को एक और सौगात मिली है. अब बिजली से होने वाली मौतों में कमी लाई जाएगी. आपको बता दे कि योगी सरकार द्वारा लाइट्निंग अरेस्टस को अब प्रदेश भर में लगवाया जा रहा है. इसके कारण आसमानी आफत से बचना अब आसान देखा जा रहा है.
लाइटनिंग रॉड होंगी इंस्टॉल
अब प्रदेश में लोगों को आसमानी बिजली से होने वाले जनधन के नुकसान से बचाने के लिए सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. प्रदेश में ऊंची बिल्डिंगों पर लाइटनिंग अरेस्टर्स या लाइटनिंग रॉड लगाने जा रही है. जो खराब मौसम में आसमानी बिजली को आकर्षित कर उसे सीधे जमीन के अंदर पहुंचा देगी. इससे न सिर्फ लोगों की जान बचाई जा बचेगी बल्कि बिजली गिरने से होने वाले नुकसान को भी रोका जा सकेगा.
लाइटनिंग अरेस्टर्स होती क्या है ?
एक लाइटनिंग रॉड या लाइटनिंग कंडक्टर एक धातु की छड़ है. जो एक ऊंची इमारत पर लगाई जाती है और इसका उद्देश्य इमारत को बिजली के हमले से बचाना होता है. यदि बिजली किसी इमारत से टकराती है तो यह सीधे रॉड पर हमला करेगी और इमारत से गुजरने की बजाय यह रॉड उसे एक तार के माध्यम से जमीन के अंदर ले जाएगी और बिल्डिंग को नुकसान होने से बचा लेगी.
लाइटिंग अरेस्टर्स कैसे करती है काम
जब कहीं बिजली गिरती है तो यह एक बड़ा विद्युत चुंबकीय क्षेत्र बनाती है. जो पास की प्रवाहकीय सामग्री जैसे विद्युत तारों और पाइपलाइन में उच्च वोल्टेज को प्रेरित कर सकती है. यह उच्च वोल्टेज संरचना को नुकसान पहुंचा सकता है और संभावित रूप से अंदर और आसपास उपस्थित लोगों को भी नुकसान पहुंचा सकता है. एक लाइटनिंग अरेस्टर या लाइटनिंग रॉड बिजली के प्रवाह को इमारत से दूर और जमीन में एक कम प्रतिरोध पथ प्रदान करती है. यह बिजली गिरने से होने वाले नुकसान को रोकने में मदद करता है और बिल्डिंग के अंदर या आसपास उपस्थित लोगों को बिजली के झटके से बचाने में भी मदद करती है.
राहत आयुक्त ने दी जानकारी
हाल ही में राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने लाइटनिंग अरेस्टर्स को लेकर इसके लाभ के बारे में बताया है.उन्होंने बताया कि पिछले साल सी इस साल तक उत्तर प्रदेश के 52 जिलों में बिजली गिरने से 301 लोगों की मृत्यु हो गई थी. वहीं 2023-24 में जुलाई तक 36 जिलों में 174 जानें बिजली गिरने की वजह से जा चुकी हैं. उन्होंने बताया कि पहले सोनभद्र जैसे जिलों में बिजली गिरने से काफी मौतें होती थीं. लेकिन अब गाजीपुर जैसे जिले इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. ऐसे में हमने जिलों से रिपोर्ट मांगी है कि उनके यहां कहां पर यह लाइटनिंग रॉड लगाई जा सकती है. प्रस्ताव के अनुसार यह लाइटनिंग अरेस्टर या लाइटनिंग रॉड सबसे ऊंची इमारतों पर लगाई जा सकती है.
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