कासगंज (Kasganj) में पुलिस हिरासत में युवक की मौत (Police Custody Death) का मामला गरमा गया है. इसकी आंच पर सियासती रोटियां सेंकने की तैयारी भी होने लगी हैं. यूपी में अपनी दरकती जमीन तलाश रहीं बसपा, कांग्रेस जैसी पार्टियों के साथ सपा को भी इस मामले में बडा अवसर नजर आया है.
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कासगंज: कासगंज (Kasganj) में पुलिस हिरासत में युवक की मौत (Police Custody Death) का मामला गरमा गया है. इसकी आंच पर सियासती रोटियां सेंकने की तैयारी भी होने लगी हैं. यूपी में अपनी दरकती जमीन तलाश रहीं बसपा, कांग्रेस जैसी पार्टियों के साथ सपा को भी इस मामले में बडा अवसर नजर आया है. कांग्रेस (Congress) की ओर से आनन फानन में अपने लोगों को कासगंज पहुंचने को कहा गया. वहीं सपा ने कल यहां हमलावर होने की तैयारी कर ली है.
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कांग्रेसी आधी रात ही पहुंच गए
कांग्रेस ने इस मामले में खासी तेजी दिखाई. पार्टी के राष्ट्रीय सचिव तौकीर आलम कल मध्य रात्रि को ही एक डेलिगेशन लेकर मृतक के घर पहुंच गए. रात ज्यादा होने की वजह से कांग्रेस के इस डेलिगेशन की मृतक के परिजनों से मुलाकात नहीं हो सकी, पर उन्होंने आधी रात को ही अपनी सियासती रोटियां सेंकने की पूरी तैयारी कर ली थी. यह जानकारी मिली है कि पहले तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया, लेकिन बाद में चार लोगों को जाने की अनुमति दी गई. लेकिन पीड़ित परिवार ने किसी से भी मिलने से इनकार कर दिया.
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आज सुबह तो कांग्रेस ने बाकायदा प्रेस नोट जारी कर एक अन्य बडे प्रतिनिधिमंडल के कासगंज पहुंचने की अपनी नीति सामने रख दी. इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, पूर्व विधायक विवेक बंसल, पूर्व सांसद राशिद अल्वी, कांग्रेस कमेटी के यूपी प्रभारी तौकीर आलम, डॉली शर्मा, पंखुडी पाठक, मुनेन्द्र सूद बाल्मिकी, ममता राजपूत, अखिलेश शर्मा, अदनाना मियां शामिल है. रात से ही यह खबरें तैरती रहीं कि कांग्रेस (Congress) की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने भी अपने आज के अपने कार्यक्रम कैंसल करके कासगंज (Kasganj) की ओर कूच करके मरने वाले युवक के परिवार से मिलने की तैयारी कर ली है.
पर इस खबर की कांग्रेस की ओर से पुष्टि नहीं की गई. प्रियंका गांधी ऐसे मामलों पर लगातार सक्रिय रहती हैं. सोनभद्र के उम्भा नरसंहार, हाथरस कांड, आगर, लखीमपुर खीरी आदि केसों में प्रियंका गांधी लगातार पीड़ित परिवारों से मिलकर अपने राजनैतिक अभियान को गति देने में लगी रही थीं.
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अखिलेश यादव की भी नजर
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मामले पर अपने पासे फेंकना शुरू कर दिए हैं. उनके निर्देशानुसार समाजवादी पार्टी का 6 सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल कल कासगंज जाएगा.
इस प्रतिनिधिमण्डल में डा0 असीम यादव पूर्व सदस्य विधान परिषद, मोहम्मद फहद राष्ट्रीय अध्यक्ष युवजन सभा, देवेन्द्र सिंह यादव जिलाध्यक्ष सपा कासगंज, मानपाल सिंह पूर्व मंत्री, अरविन्द प्रताप सिंह सदस्य विधान परिषद, उ0 प्र0, कमल सिंह शाक्य विधान सभा अध्यक्ष कासगंज को शामिल किया गया है. सपा हालांकि वहां पहुंचने की दौड में अन्य पार्टियों की तुलना में एक दिन लेट होने वाली है, पर वह इस मामले का जोरदारी से अपने पक्ष में भुनाने में कोई कसर नहीं छोडेगी, इस पर किसी को शंका नहीं होगी.
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मायावती का ट्वीट कर हमला
उधर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ट्वीट करके इस मामले पर योगी सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा है कि कासगंज में पुलिस कस्टडी में मौत अति-दुखद व शर्मनाक है. यूपी सरकार आए दिन कस्टडी में मौत रोकने व पुलिस को जनता की रक्षक बनाने में विफल साबित हो रही है यह अति-चिन्ता की बात है. सरकार घटना की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों को सख़्त सजा दे तथा पीड़ित परिवार की मदद भी करे.
ये है मामला
एक लापता लड़की के बारे में पूछने के लिए पुलिस ने 8 नवंबर शाम तक इस युवक को हिरासत में लिया था. मृतक कासगंज कोतवाली क्षेत्र के अहरौली गांव का रहने वाला है, जिसका नाम अल्ताफ था. उसके पिता चाहत मियां को उसकी हिरासत के 22 घंटे बाद 9 नवंबर को शाम को पता चला पुलिस लॉकअप में ही उनके बेटे की मौत हो गई है. मृत अल्ताफ के पिता चाहत ने कासगंज पुलिस पर लॉकअप के अंदर अपने बेटे को फांसी देकर मारने का आरोप लगाया था, पर अब खबरें यह भी मिली रही हैं कि उन्होंने अपने बयान बदल लिए हैं.
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