Gyanvapi ASI survey : ज्ञानवापी सर्वे की ग्राउंड रिपोर्टिंग में बरती जा रही लापरवारी पर वाराणसी जिला कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. बुधवार को इस मामले में सुनवाई के दौरान जिला अदालत ने अहम टिप्पणी करते हुए मीडिया कवरेज में लापरवारी को लेकर हिदायत दी.
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अनुज सिंह/वाराणसी : वाराणसी की जिला अदालत में बुधवार को मस्जिद कमेटी द्वारा ASI सर्वे की मीडिया कवरेज को लेकर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान राखी सिंह की तरफ से अधिवक्ता सौरभ तिवारी शामिल हुए. सुनवाई के दौरान जिला जज नें कहा ''क्यों ना मीडिया को वहां खड़े होकर रिपोर्टिंग करने एवं ASI के सर्वे संबंधित रिपोर्ट मीडिया से बताने पर रोक लगाई जाए. '' इस पर राखी सिंह के अधिवक्ता सौरभ तिवारी द्वारा कहा गया कि मीडिया में अगर ASI संबंधित कुछ त्रुटिपूर्ण खबर आ भी रही है तो मीडिया उसको सुधार कर ले रही है और संविधान के अनुच्छेद 19(1) के तहत मीडिया को खबर प्रकाशन की स्वतंत्रता है.
जब जिला जज नें मीडिया को ASI संबंधित खबर प्रकाशन पर प्रतिबंध संबंधित बात को दोहराया तो राखी सिंह के अधिवक्ता सौरभ तिवारी द्वारा जिला जज से कहा गया कि ''प्रतिबंध ही लगाना है तो दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं और मस्जिद कमेटी के पदाधिकारियों को भी ASI सर्वे संबंधी बयान देने से रोक लगाया जाए.''
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अधिवक्ता सौरभ तिवारी द्वारा जिला जज अदालत को यह भी बताया कि ''मंगलवार को हाईकोर्ट में एक मामले में सुनवाई के दौरान ASI सर्वे कि गोपनीयता पर जोर दिया था.'' वहीं ASI सर्वे के दौरान व पूर्व में परिलक्षित हिन्दू धर्म के साक्ष्यों को संरक्षित करने के लिए सिविल प्रक्रिया संहिता , 1908 के ऑर्डर 39 , नियम-7 के तहत दायर प्रार्थना पत्र पर मुस्लिम पक्ष कि तरफ से जबाबी हलफनामा न्यायालय के समक्ष दायर किया गया. राखी सिंह के अधिवक्ता मान बहादुर सिंह और सौरभ तिवारी द्वारा जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए समय मांगा गया है. राखी सिंह के अधिवक्ता मानबहादुर सिंह द्वारा कहा गया कि ''मस्जिद कमेटी के जबाबी हलफनामे का जबाब देना बेहद आवश्यक है.'' अगली सुनवाई तारीख 17 अगस्त निर्धारित की गई है.
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