Kanpur News: कानपुर की रिवॉल्वर ढाई गुना ज्यादा दूरी तक करेगी मार, सेना का अचूक हथियार बनेगी 'प्रबल'
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Kanpur News: कानपुर की रिवॉल्वर ढाई गुना ज्यादा दूरी तक करेगी मार, सेना का अचूक हथियार बनेगी 'प्रबल'

Prabal revolver ready to launche : 18 अगस्त को देश में एक ऐसी रिवॉल्वर की लॉचिंग होनी है, जो न सिर्फ मारक क्षमता में काफी तेज है बल्कि इसे महिलाएं भी आसानी से चला सकती हैं.

Kanpur News: कानपुर की रिवॉल्वर ढाई गुना ज्यादा दूरी तक करेगी मार, सेना का अचूक हथियार बनेगी 'प्रबल'

कानपुर :  भारत की पहली लंबी दूरी की मारक क्षमता से लैस रिवॉल्वर 'प्रबल' बनकर तैयार है. इसे आधिकारिक रूप से 18 अगस्त को लॉन्च किया जाएगा. ख़ास बात ये है कि इसे उत्तर प्रदेश के कानपुर में सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी एडवांस्ड वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (AWEIL) द्वारा तैयार किया गया है. यह हल्की 32 बोर रिवॉल्वर 50 मीटर तक अपने लक्ष्य को पूरा कर सकती है, जो अन्य रिवॉल्वर की तुलना में दोगुनी से भी अधिक है.

इसके अलावा प्रबल भारत में निर्मित होने वाली पहली रिवॉल्वर है, जिसमें साइड स्विंग सिलेंडर है. कंपनी का दावा है कि इसकी मारक क्षमता देश में बनी रिवॉल्वरों में सबसे अच्छी है. एडब्‍ल्‍यूईआईएल के निदेशक ए.के. मौर्य ने कहा, ''प्रबल रिवॉल्वर वजन में हल्की है और साइड स्विंग सिलेंडर से सुसज्जित है. रिवॉल्वर के पिछले संस्करण में कारतूस डालने के लिए बन्दूक को मोड़ना पड़ता था. इसके अलावा बाजार में उपलब्ध सभी रिवॉल्वर की क्षमता 20 मीटर तक ही है, लेकिन प्रबल की रेंज 50 मीटर तक है. इसका वजन केवल 700 ग्राम (कारतूस के बिना) है और इसकी बैरल की लंबाई 76 मिमी है, जबकि इसकी कुल लंबाई 177.6 मिमी है. इसका ट्रिगर पुल भी काफी आसान है. 

महिलाएं अपने हैंडबैग में रख सकेंगी

इस रिवॉल्वर की खास बात ये है कि इसे महिलाएं भी आसानी से हैंडबैग में रख सकेंगी. इसे चलाना भी अन्य रिवॉल्वर के मुकाबले आसान है.  18 अगस्त से इसकी बुकिंग शुरू हो जाएगी. एडब्‍ल्‍यूईआईएल कानपुर के अर्मापुर में रक्षा उत्पाद बनाने वाली एक सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी है. इसमें पूर्ववर्ती आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) की आठ फैक्ट्रियां शामिल हैं. 

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यह मुख्य रूप से भारतीय सशस्त्र बलों, विदेशी सेनाओं और घरेलू नागरिक उपयोग के लिए छोटे हथियार और तोपखाने बंदूकें बनाती है. फर्म की स्थापना 2021 में ओएफबी के सात अलग-अलग सार्वजनिक उपक्रमों में पुनर्गठन और निगमीकरण के हिस्से के रूप में की गई थी. कंपनी को इस साल 6,000 करोड़ रुपये के रक्षा उत्पाद बनाने का ऑर्डर मिला है. इनमें भारतीय सेना से 300 'सारंग' तोपों का ऑर्डर और यूरोपीय देशों से मिले 450 करोड़ रुपये के ऑर्डर शामिल हैं.

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