जेएनएस त्यागी ने कहा कि हिंदू धर्म, हिंदू समाज और सनातन धर्म से बेहतर दुनिया में और कोई दूसरा धर्म नहीं है. हमने इस्लाम को कभी धर्म माना ही नहीं.
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सीतापुर: बीते दिनों इस्लाम (Islam) छोड़कर हिंदू बने जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (Jeetendra Narayan Singh Tyagi) उर्फ वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) आज सीतापुर पहुंचे. यहा वह खैराबाद स्थित महंत बजरंग मुनि आश्रम गए, जहां उनका तमाम संत समाज के लोगों ने स्वागत किया. इसके बाद मीडिया से रूबरू होते हुए जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने जहां एक ओर सनातन धर्म की प्रशंसा की, वहीं दूसरी ओर इस्लाम को भला-बुरा कहा है.
"सनातन धर्म से बेहतर दुनिया में और कोई दूसरा धर्म नहीं"
जेएनएस त्यागी ने कहा कि हिंदू धर्म, हिंदू समाज और सनातन धर्म से बेहतर दुनिया में और कोई दूसरा धर्म नहीं है. धर्म का अर्थ है मोहब्बत, इंसानियत. जिस धर्म में मोहब्बत और इंसीनियत न हो वह धर्म नहीं, अधर्म है. जब-जब दुनिया में मनुष्य जाति के ऊपर खतरा आया है, तब-तब भगवान ने अवतार लिया और मनुष्य जाति की सुरक्षा की है.
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"इस्लाम को मानने वाले भी परेशान हैं"
उन्होंने आगे कहा कि राक्षसनुमा शक्तियों ने हमेशा मनुष्य जाति को नुकसान पहुंचाया है, उसे खत्म करने की बात की है. ये हमेशा से लड़ाई चली आ रही है. आज भी रंग-रूप बदल गया है, लेकिन 14 सौ साल पहले अरब की सरजमीन पर एक ऐसी दानवीय शक्ति ने जन्म लिया, जो आज पूरी दुनिया में आतंक का एक केंद्र बना हुआ है. मोहम्मद द्वारा जो ये इस्लाम, जिसमें 23 ऑर्गनाइजेशन को जन्म दिया गया, आज उसे मानने वाले ही उससे परेशान हैं.
"सनातन धर्म की रक्षा करनी होगी"
जेएनएस त्यागी ने कहा, हम इसमें बदलाव लाना चाहते थे, इंसानियत की तरफ लाने की कोशिश की. लेकिन जो दानव रूप में जन्मा है और दानवीय मानसिकता रखता है, तो वह अपने में बदलाव लाने को तैयार नहीं है. हम नहीं चाहते कि हिंदू-मुसलमान व तमाम धर्म के लोग आपस में लड़ें. लेकिन कोई भी आपको नुकसान पहुंचाना चाहता है तो वह भी ठीक नहीं है. हमें सुरक्षित रहना होगा, हमें अपने हिन्दुस्तान को बचाना होगा और सनातन धर्म की भी रक्षा करनी होगी.
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"इस्लाम को कभी धर्म माना ही नहीं"
जब घुटन सी महसूस हुई और यह देखा कि हम एक धर्म को नहीं, बल्कि एक आतंकी गुट को फॉलो कर रहे हैं तो हमने सनातन धर्म की तरफ बढ़े. हमने जिंदगी में पहली बार धर्म इख्तियार किया और आज हमें इस बात की खुशी है कि आज हम किसी धर्म में है. इतनी स्टडी करने के बाद हमने इस्लाम को कभी धर्म माना ही नहीं.
"हर मस्जिद-मदरसे में ISI की शाखा मानसिक रूप से खुली है"
उन्होंने आगे मुस्लिम समाज पर हमला करते हुए कहा कि आईएसआई संगठन ने पूरे हिंदुस्तान को कैप्चर कर रखा है. हर मस्जिद और मदरसे में आईएसआई की शाखा मानसिक रूप से खुली मिलेगी. हमें उनसे होशियार होना है. इस्लाम का नाम लें तो दूसरा नाम आंतकवाद का ही आता है.
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