काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) में नई व्यवस्था लागू होने जा रही है. यहां श्रद्धालुओं को अब बाबा कि स्पर्श दर्शन करने के लिए लंबी-लंबी कतारों में नहीं लगना पड़ेगा न ही VIP एंट्री करनी होगी. मंदिर प्रशासन सभी लोगों के लिए एक समान व्यवस्था करने जा रहा है. यह मामला सामने आने के बाद मंदिर के मंडलायुक्त ने सफाई दी है.
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वाराणसी: उत्तर प्रदेश के बनारस में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं को अब बाबा विश्वनाथ के गर्भ गृह में स्पर्श दर्शन करने के लिए 500 से 1000 रुपये का शुल्क देना पड़ सकता है. मंदिर प्रशासन इसके लिए खाका तैयार कर चुका है. मंदिर परिसर में दर्शन के दौरान होने वाली अव्यवस्थाओं के मद्देनजर यह फैसला लिया जा रहा है. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही इस नई व्यवस्था को लागू किया जा सकता है. वहीं, मंदिर के मंडलायुक्त ने इस खबर का खंडन किया है. उन्होंने कहा मंदिर में दर्शन के लिए पहले जैसे व्यवस्था ही लागू रहेगी.
गर्भ गृह के दर्शन कर पाएंगे श्रद्धालु
आपको बता दें वर्तमान समय में बाबा के गर्भ गृह में श्रद्धालुओं को सुबह 4-5 और शाम को 4-6 बजे के दौरान बिना किसी शुल्क के प्रवेश दिया जाता है. सुबह और शाम के समय मंगल आरती के बाद यह सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. बताया जा रहा है इस अवधि के बाद भी लोग किसी तरह बाबा के गर्भ गृह के दर्शन करते हैं. इसको लेकर मंदिर प्रशासन को कई बार शिकायत भी मिली है. अक्सर श्रद्धालु इस अव्यवस्था पर रोष व्यक्त कर चुके हैं. साथ ही सुरक्षा व्यवस्था में लगे कर्मियों को भी लोगों के विरोध का सामना करना पड़ता है. इसी के चलते अब मंदिर प्रशासन अब नई व्यस्था लाने का विचार कर रहा है.
जल्द हो सकती है नई व्यवस्थ लागू
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद को इस बाबत प्रस्ताव भेजा गया था. यहां से स्वीकृति भी मिल चुकी है और जल्द ही यह व्यवसथा लागू की जा सकती है. ऐसा बताया जा रहा है कि श्रद्धालुओं को स्पर्श दर्शन के लिए 500 से 1000 रुपये तक की राशि देनी पड़ सकती है. हालांकि, अभी तय मूल्य की घोषणा नहीं हुई है. यह व्यवस्था लागू होने के बाद कोई भी व्यक्ति बाबा भोलेनाथ के गर्भ गृह के दर्शन कर पाएगा. बता दें बाबा विश्वनाथ धाम में पहली बार ऐसी व्यवस्था लागू होने नहीं जा रही है. साल 2018 में भी मंदिर प्रशासन द्वारा ऐसा कदम उठाया जा चुका है, उस समय 300 रुपये की राशि निर्धारित की गई थी.
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