Lungs Health: बढ़ते हुए पॉल्यूशन, इंफेक्शन और धूल के कणों के कारण हमारे फेफड़े बहुत कमजोर हो जाते हैं. इसके कारण अस्थमा, सांस के संक्रमण की बीमारियां हो जाती है. वहीं, इस कारण आपके फेफड़ों में कफ जमा होने लगता है और सांस लेने में भी दिक्कत होती है.
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Natural Remedies For Lungs: हर साल 1 अगस्त को वर्ल्ड लंग कैंसर डे मनाया जाता है. इस दिन को सेलिब्रेट करने के पीछे का उद्देश्य फेफड़ों यानी के लंग्स के कैंसर के बारे में लोगों को जागरूक करना है. आम लोगों को उन आदतों और कारणों के बारे में बताना जो फेफड़ों के कैंसर ( Lung Cancer) की वजह बन सकते हैं. लंग्स शरीर के खास अंगों में से एक हैं जो बिना रुके लगातार काम करते हैं. लंग्स के जरिए प्राणवायु हमारी बॉडी में प्रवेश करती है और ऑक्सीजन (Oxygen) के बिना जीवन संभव नहीं है.
फेफड़ों को मजबूत रखने के लिए आयुर्वेद में कई तरह के उपाय बताए गए हैं. जिसमें कई सारी औषधि और वनस्पतियां फेफड़ों को सेहतमंद बनाने में कारगार होती हैं. इनमे से कुछ महत्वपूर्ण औषधियों के बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं...
पिप्पली से दूर होती हैं श्वसन से जुड़ी परेशानियां
पिप्पली आपके फेफड़ों की सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद हैं. यह श्वसनप्रणाली के लिए अमृत की तरह फायदेमंद औषधी है. आयुर्वेद के मुताबिक पिप्पली का वर्धमान क्रम में यानी कि दूध के साथ रोज एक बढ़ाते हुए 15 दिनों तक सेवन करके उसी क्रम में घटाना चाहिए. इससे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इसे शहद के साथ सेवन करने से सर्दी-खांसी जैसी श्वसन से जुड़ी परेशानियां दूर होती हैं.
मुलेठी से गले की खराश और खांसी में आराम
मुलेठी में मौजूद गुण श्वसन प्रणाली में होने वाले इंफेक्शन में राहत देते हैं. इसका उपयोग श्वसन संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है. आयुर्वेद के अनुसार मुलेठी फेफड़ों और गले में जमा होने वाले गाढ़े बलगम को पिघलाकर बाहर करती है, जिससे आपके फेफड़ों को सेहत अच्छी रहती है.
सोंठ फेफड़ों में संक्रमण की सूजन कम करता है
सोंठ फेफड़ों में इंफेक्शन की वजह से होने वाली सूजन को कम करती है. सोंठ श्वसन नली को साफ रखकर श्वसन प्रक्रिया को आसान बनाने में सहायता मिलती है. यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर फेफड़ों पर असर करने वाले संक्रमणों से छुटकारा दिलाता है.
गले में सूजन होने पर बेहड़ा के इस्तेमाल से मिलेगी राहत
बिभीतकी को बेहड़ा के नाम से भी जाना जाता है. प्रसिद्ध त्रिफला इस आयुर्वेदिक औषधी का एक घटक द्रव्य है. सूखी खांसी, जुकाम और गले की खराश को ठीक करने के लिए इसका उपयोग कारगर है. आयुर्वेद में इसे सभी तरह की खांसी और श्वसन प्रणाली से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए फायदेमंद माना गया है.
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तुलसी है बहुत ही गुणकारी औषधि
श्वसन से जुड़ी कई रोगों में तुलसी का इस्तेमाल फायदेमंद होता है. दरअसल, तुलसी के पत्तों में यूजेनॉल नामक तत्व होता है जो सर्दी, खांसी जैसी समस्याओं को दूर रखता है. हर दिन नियमित रूप से तुलसी के पत्ते खाने से हमारे शरीर की रोगप्रतिकारक्षमता बढ़ती है. इससे श्वसन संक्रमण और फेफड़ों से जुड़े कई रोगों से छुटकारा मिलता है.
डिस्क्लेमरः इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि, इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिंदी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है
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