चंद्रयान की थीम पर मथुरा में होगी कृष्णजन्माष्टमी, कृष्ण जी के साथ दिखेंगे लैंडर और रोवर
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चंद्रयान की थीम पर मथुरा में होगी कृष्णजन्माष्टमी, कृष्ण जी के साथ दिखेंगे लैंडर और रोवर

Krishna Janmashtami in mathur: मथुरा में इस बार कृष्णजन्माष्टमी की थीम जरा हटके है. जी हां, इस बार आपको जन्माष्टमी के आयोजन में कृष्णजी के साथ लैंडर और रोवर भी नजर आएंगे. आइए जानते हैं क्या होगा ख़ास.

चंद्रयान की थीम पर मथुरा में होगी कृष्णजन्माष्टमी, कृष्ण जी के साथ दिखेंगे लैंडर और रोवर

मथुरा : जन्माष्टमी की तैयारियां देशभर में बड़े धूमधाम से हो रही हैं. तीर्थनगरी मथुरा में कृष्ण कन्हैया के 5250वां जन्मोत्सव पर तैयारियां और भी खास हैं. इस बार मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान को चंद्रयान-3 थीम पर सजाया जा रहा है. कृष्ण जी जन्म लेते ही प्रज्ञान-प्रभास पोशाक धारण कर भक्तों को मोहित करेंगे.

इसके बाद सोने-चांदी से बने 100 किग्रा की कामधेनु गाय हरिद्वार के गंगाजल और गोमाता के दूध से उनका अभिषेक करेंगी. खास बात ये है कि अजन्मे के स्वागत में यहां सजाए जाने वाले फूल बंगले का नामकरण भी कर दिया गया  है. इसे इसरो चीफ एस सोमनाथ के नाम पर रखा गया है. भागवत भवन के द्वार पर चंद्रमा और प्रज्ञान का कटआउट लगाने की तैयारी है. बताया जा रहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के इस कार्यक्रम में शिरकत कर सकते हैं.

श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने शनिवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियों पर मीडिया से बात की. कपिल शर्मा के मुताबिक ''कान्हा की पोशाक का नाम प्रज्ञान-प्रभास रखा गया है. चंद्रमा के सौंदर्य में अठखेलियां कर भारतवर्ष के समृद्ध ज्ञान की परंपराओं के संवर्धन में लगे वैज्ञानिक यंत्र ''प्रज्ञान'' के नाम अनुरूप ठाकुरजी की पोशाक का नाम ''प्रज्ञान-प्रभास'' दिया गया है. श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान का यह प्रयास भारत की सनातन परंपराओं के संवर्धन एवं नवीन अनुसंधान में लगे उन सभी वैज्ञानिकों का अभिनंदन कर सफलता की शुभकामना देना है. पांच पोशाक बनाई गई हैं, जिनमें राधा-कृष्ण की बड़ी पोशाक हेमंत मुकुट व उनके 30-35 कारीगरों द्वारा तैयार की जा रही है. इसमें कुछ काम बंगाल और कुछ दिल्ली में भी हुआ है.''

ये भी तैयारियां हो रही हैं
केशवदेव, गर्भगृह और युगमाया की पोशाक तैयार की जा रही है. जन्म के बाद श्रीकृष्ण का अभिषेक को गंगाजल से हरिद्वार मंगवाया गया है.

श्रीकृष्ण जन्मस्थान की गाय के दूध को सोने-चांदी की 100 किलोग्राम की कामधेनु गाय के दूध का उपयोग किया जाएगा.

जन्मभूमि के भीतर एवं परिसर के बाहर से भक्त, जिस दिशा से भी श्रीकृष्ण के दर्शन करेंगे, वहीं से उनको जन्मभूमि की अद्भुत छटा की अनुभूति होगी.

भगवान श्रीकृष्ण की प्राकट्य भूमि एवं कारागार के रूप में प्रसिद्ध गर्भ गृह एवं संपूर्ण श्रीकृष्ण चबूतरा की साज-सज्जा अदभुत होगी। इस वर्ष प्रयास रहेगा कि श्री गर्भगृह के भीतरी भाग को तो कारागार का स्वरूप प्रदान किया जाएगा. गर्भगृह के बाहरी भाग श्रीकृष्ण चबूतरा के प्राचीन वास्तु अथवा मूलरूप में कोई परिवर्तन किए बिना कारागार का स्वरूप प्रदान किया जाएगा.

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कार्यक्रम की समय सारिणी
7 सितंबर की रात्रि में श्रीकृष्ण जन्म महाभिषेक कार्यक्रम श्रीभागवत भवन मंदिर में होगा.
श्री गणपति एवं नवग्रह स्थापना- पूजन आदि रात्रि 11:00 बजे से.
सहस्त्रार्चन (कमल पुष्प एवं तुलसीदल से) रात्रि 11:55 बजे तक.
प्राकट्य दर्शन हेतु पट बंद रात्रि 11:59 बजे.
प्राकट्य दर्शन/आरती रात्रि 12:00 बजे से 12:05 बजे तक.
पयोधर महाभिषेक कामधेनु रात्रि 12:05 बजे से 12:20 बजे तक.
रजत कमल पुष्प में विराजमान ठाकुरजी का जन्म महाभिषेक रात्रि 12:20 बजे से 12:40 बजे तक.
शृंगार आरती रात्रि 12:40 बजे से 12:50 बजे तक.
शयन आरती रात्रि 1:25 बजे से 1:30 बजे तक.

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