संतान प्राप्ति की मनोकामना: अहोई अष्टमी पर इस कुंड में स्नान करने से होती है मुराद पूरी
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संतान प्राप्ति की मनोकामना: अहोई अष्टमी पर इस कुंड में स्नान करने से होती है मुराद पूरी

राधाकुंड में राधारानी की सखी ललिता जी के आंगन में ब्रज वसुंधरा प्रभु की महारास लीला में राधा-कृष्ण के स्वरूपों पर इतने फूल बरसे कि चारों ओर सुगंध फैल गई...

संतान प्राप्ति की मनोकामना: अहोई अष्टमी पर इस कुंड में स्नान करने से होती है मुराद पूरी

मथुरा: राधा-रानी की स्थली राधाकुंड की परंपरा अनूठी आस्था और विश्वास का रूप है. अहोई अष्टमी पर मध्य रात्रि को श्रद्धालुओं ने राधाकुंड में पुत्र प्राप्ति के लिए डुबकी लगाई. इस मौके पर आस्था की अलौलिक आभा से राधारानी कुंड जगमगा उठा. श्रीराधे-कृष्ण के जयकारे गूंजते रहे. 

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भक्तों ने लगाई परिक्रमा
मान्यता के अनुसार, राधारानी कुंड में स्नान के बाद नि:संतान दंपतियों ने पूजा कर मन्नत मांगी और कुंड में पेठे का फल दान कर स्नान किया. राधारानी कुंड पर आस्था की अलौलिक छटा देखते ही बन रही थी. गुरुवार को अहोई अष्टमी मेले में ढोल-नगाड़े, झांझ-मंजीरे की थाप की झूमते भक्त राधाकुंड की ओर बढ़ रहे थे. भजन गाते हुए हजारों भक्तों ने राधारानी कुंड की परिक्रमा लगाई.

भक्तों ने किया दीपदान
गुरुवार रात 12 बजते ही वेद मंत्र और शंख ध्वनि के साथ राधारानी कुंड में स्नान शुरू हुआ. निसंतान दंपतियों ने साथ-साथ स्नान किया और संतान सुख की मन्नत मांगकर कुंड में पेठे का फल दान किया. अहोई अष्टमी स्नान की संध्या पर राधारानी कुंड के घाटों पर भक्तों ने गाय के देशी घी से दीपदान किया.

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मनोकामना पूर्ति के लिए किया जाता है स्नान
राधाकुंड में राधारानी की सखी ललिता जी के आंगन में ब्रज वसुंधरा प्रभु की महारास लीला में राधा-कृष्ण के स्वरूपों पर इतने फूल बरसे कि चारों ओर सुगंध फैल गई. सबसे बड़ी आस्था यह है कि जिन लोगों ने अपनी मनोकामनाएं पूर्ति के लिए स्नान किया और जब मनोकामना पूर्ति के रूप में संतान की प्राप्ति हुई तो संतान को लेकर राधा रानी के चरणों मे हाजिरी लगाने भी लाते हैं. 

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