नरी-सेंमरी मंदिर पर लगने वाले मेले में आगरा के धांधू भगत के परिजनों की चमत्कारिक आरती आकर्षण का केंद्र होती है. यह आरती तीज को होती है. इसकी एक झलक देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर आए और देवी मां के दर्शन कर अपने आप को धन्य समझा.
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मथुरा: मथुरा के छाता तहसील के गांव नरी-सेंमरी में सोमवार को देवी मां के मंदिर पर तीज की चमत्कारिक आरती देखने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. मंदिर में धांधू भगत के वंशजों ने चमत्कारिक आरती की. इस आरती में बड़े-बड़े दीपकों की लौ सफेद कपड़े की चादर के आरपार निकल गई, लेकिन चादर नहीं जली. यह देख मंदिर प्रांगण देवी मां के जयकारों से गुंजायमान हो उठा.
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वर्षों से चली आ रही है यह प्रथा
सबसे पहले मंदिर में आगरा से आए श्रद्धालु केशव बल गौड ने देवी मां के मंदिर से होते हुए चमत्कारिक आरती निकाली. उन्होंने बताया कि वर्षों से चली आ रही इस प्रथा को पहले हमारे पूर्वज निभाते चले आ रहे थे. अब इस प्रथा को हम निभा रहे हैं. नरी-सेंमरी देवी को वह अपनी कुलदेवी मानते हैं. इन्हें कांगड़ा देवी के नाम से भी जाना जाता है, जो हिमाचल प्रदेश से चलकर यहां पर आती हैं.
देवी मां की अनोखी आरती का आयोजन
लोगों का मानना यह है कि जिस दिन आरती होती है उस दिन हिमाचल प्रदेश में मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि उस दिन साक्षात रूप से इस मंदिर में देवी मां अपने भक्तों को दर्शन देती हैं. लोगों का यह भी मानना है कि जो भक्त पूरी श्रद्धा के साथ इस मंदिर में आता है, उसकी मनोकामना जरूर पूरीहोती है. नरी-सेंमरी वाली देवी मां को धांधू भगत नगरकोट (कांगड़ा) हिमाचल प्रदेश से अपने साथ लाए थे.
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एक झलक के लिए आतुर रहते हैं भक्त
नरी-सेंमरी मंदिर पर लगने वाले मेले में आगरा के धांधू भगत के परिजनों की चमत्कारिक आरती आकर्षण का केंद्र होती है. यह आरती तीज को होती है. इसकी एक झलक देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर परिसर में आए और देवी मां के दर्शन कर अपने आप को धन्य समझा. बता दें कि नवरात्रि पर्व के चलते देवी मां के दर्शन करने के लिए हर दिन हजारों की भीड़ यहां आ रही है.
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