Twin Tower Blast: भ्रष्टाचार पर बनाए गए ट्विन टावर्स 28 अगस्त को ताश के पत्तों की तरह ढहा दिए जाएंगे. 3700 किलो बारूद से 9 सेकंड के अंदर ये टावर जमींदोज हो जाएंगे, लेकिन इससे जो धूल का गुबार उठेगा वह चिंताजनक है. टावर डिमोलिशन को लेकर हर एक अपडेट, जो आपको जाननी चाहिए, वह मिलेगी यहां-
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Noida Twin Tower Demolition: करप्शन की नींव पर खड़े नोएडा सेक्टर-93 के ट्विन टावर 28 अगस्त को जमींदोज हो जाएंगे. इसके लिए करीब 3700 किलो बारूद लाया गया है, जो महज 9 सेकंड में 40 मंजिला दोनों बिल्डिंग्स (एपेक्स और सियान) को ढहा देगा. नोएडा के एमराल्ड कोर्ट सोसायटी में बाकी बिल्डिंग्स में रहने वाले 7 हजार लोगों को सुबह 7.00 बजे तक अपने घर खाली करने होंगे, क्योंकि ब्लास्ट के दौरान उस लोकेशन में रहना हानिकारक साबित हो सकता है. बताया जा रहा है कि डिमॉलिशन के बाद धूल का गुबार लगभग तीन घंटे तक वहां बना रहेगा, जिससे वातावरण तेजी से प्रदूषित होगा.
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लंग्स की परेशानी का सामना कर रहे हैं, तो रहना होगा ज्यादा सावधान
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस दौरान इतनी धूल होगी कि आसपास रहने वालों को बीमारियों की चपेट में आने का बड़ा खतरा होगा. टावर ढहाते समय अगर हवा की रफ्तार तेज रही, तो धूल के बारीक कण काफी दूर तक जा सकते हैं. एनालिसिस में पाया गया है कि टावर ढहने के बाद उड़ने वाली धूल से वातावरण में पीएम-10 और 2.5 एकदम से बढ़ेंगे. पीएम 2. 5 की मात्रा 60 होने पर और पीएम-10 की मात्रा 100 होने पर ही हवा को सांस लेने के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता.
ऐसे में जिन लोगों को लंग्स की परेशानी है, उन्हें सांस लेने में ज्यादा दिक्कत हो सकती है. इतना ही नहीं, लोगों को आंख से लेकर कान तक की समस्या भी हो सकता है. इसलिए उन्हें इस एरिया से दूर रहने के लिए कहा गया है.
टावरों पर लगाए गए हैं सफेद पर्दे
इससे बचने के लिए प्रशासन की तरफ से कुछ इंतजाम किए गए हैं. धूल कम उड़े, इसके लिए बिल्डिंग पर सफेद पर्दे लगाए गए हैं. ट्विन टावर के करीब 3 किलोमीटर तक चारों ओर धूल का गुबार उठेगा. इसपर कुछ हद तक रोक लगाने के लिए टावरों को सफेद पर्दे से ढंका गया है. इसके अलावा, यहां पर दीवारों का मलबा और धूल गिरने पर कम से कम बाहर आए, इसके लिए जियो टेक्सटाइल फाइबर लगाया गया है.
पास में है बर्ड सेंचुरी, पक्षियों पर पड़ेगा बुरा असर
बता दें, सेक्टर-93 स्थित इन ट्विन टावरों के पास ही बर्ड सेंचुरी भी है. विस्फोट की तेज आवाज से पक्षियों को खतरा तो है ही, साथ ही धूल और धुएं से जितना नुकसान हमें हो सकता है, उतना ही पक्षियों को भी.
एक हफ्ते टल भी सकता है ध्वस्तीकरण का काम
नोएडा विकास प्राधिकरण की सीईओ ऋतु माहेश्वरी ने जानकारी दी है कि 28 अगस्त को दोपहर 2.30 बजे दोनों टावरों को गिराया जाना है. विस्फोटक लगा दिए गए हैं. सीबीआरआई की स्ट्रेंथनिंग की रिपोर्ट आज शाम तक आएगी. उसके बाद फाइनल फैसला लिया जाएगा कि 28 को डिमोलिशन बोगा या फिर एक हफ्ते के कुशन पीरियड का इस्तेमाल किया जाएगा. हालांकि, अब तक की तैयारियों के हिसाब से 28 अगस्त को ही डेमोलिशन होना है.
प्रदूषण चेक करने के लिए लगाए गए हैं मीटर
ऋतु महेश्वरी ने बताया है कि बिल्डिंग्स ढहाने के दौरान एयर पॉल्यूशन चेक करने के लिए के लिए मीटर लगा दिए गए हैं. अभी से इसका साइंटिफिक डेटा जुटा पाना मुश्किल है, कि उस समय कितना प्रदूषण हो सकता है. ना ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और न ही बिल्डिंग ढहाने वाली कंपनी एडिफिस यह बता सकती है.
रेजिडेंट्स को न हो दिक्कत, इसलिए एयर क्वॉलिटी की जाएगी मॉनिटर
प्राधिकरण की सीईओ का कहना है कि डिमोलिशन के थोड़ी देर तक वहां डस्ट बनी रहेगी. स्मॉग गन लगाई गई है. साथ ही, इलाके की मैकेनिकल स्वीपिंग भी होगी. एयर क्वॉलिटी भी लगातार मॉनिटर की जाएगी, ताकि अपने घर वापस आने वाले लोगों को कोई डर न हो.
नोएडा में हुआ रूट डायवर्जन
ट्विन टावर डिमोलिशन के टाइम पर कई रूट डायवर्ट रहेंगे. जानकारी के मुताबिक, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे दोपहर 2.00-3.00 बजे तक बंद रहेगा. इसका असर दिल्ली-एनसीआर के ट्रैफिक पर न हो, इसके लिए पुलिस ने रूट डायवर्जन प्लान तैयार किया हुआ है. दोनों टावरों से करीब 500 मीटर दूर तक सभी रास्तों को पूरी तरह बंद कर दिया इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात किया जाएगा, ताकि सुरक्षा में कोई चूक न हो सके.
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