यूपी के राजनीतिक गलियारों में ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि अनुप्रिया पटेल चुनाव के नजदीक आने तक सपा गठबंधन में शामिल हो सकती हैं.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहा है सूबे का सियासी रण दिलचस्प होता जा रहा है. जोड़-तोड़ और गठबंधन का दौर जारी है. विरोधी दल एक दूसरे पर बढ़त लेने की कोशश में लगे हैं. सत्ताधारी दल भाजपा अपने पुराने साथियों निषाद पार्टी और अपना दल के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने का एलान कर चुकी है. वहीं समाजवादी पार्टी ने अपनी स्ट्रेटजी को अमलीजामा पहनाते हुए अब तक सबसे ज्यादा छोटे दलों के साथ गठबंधन किया है.
अखिलेश यादव के नेतृत्व वाले गठबंधन में एनडीए की साथी अनुप्रिया पटेल की मां कृष्णा पटेल भी शामिल हैं. उनकी पार्टी अपना दल (कृष्णा गुट) ने सपा के साथ गठबंधन किया है. यूपी के राजनीतिक गलियारों में ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि अनुप्रिया पटेल चुनाव के नजदीक आने तक सपा गठबंधन में शामिल हो सकती हैं. शनिवार को अपना दल के लखनऊ कार्यालय में पार्टी अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल से पत्रकारों ने जब इस बारे में सवाल किया तो उनका जवाब प्रेशर पॉलिटिक्स वाला था.
अनुप्रिया पटेल बोलीं: राजनीति संभावनाओं का खेल, अभी BJP के साथ हैं, आगे कहां जाएंगे नहीं बता सकती
अनुप्रिया पटेल ने कहा, ''वर्तमान में मेरी पार्टी का गठबंधन भाजपा के साथ है. राजनीति संभावनाओं का खेल है और संभावनाएं कहीं भी ले जा सकती हैं. भविष्य में अपना दल का गठबंधन किसा पार्टी से होगा मैं नहीं बता सकती.'' इसको लेकर पत्रकारों ने सपा मुख्यालय में जब अखिलेश यादव से सवाल किया तो उन्होंने कहा, समाजवादी पार्टी में सीटें फुल हो गई हैं. पहले वह केंद्रीय मंत्री पद छोड़ें तब विचार करेंगे. यदि अनुप्रिया दिल्ली से इस्तीफा देकर आती हैं तो देखेंगे.
अनुप्रिया पटेल फिलहाल मोदी सरकार में राज्यमंत्री हैं. साल 2014 में मिर्जापुर से सांसद बनने के बाद वह मोदी सरकार में मंत्री बनी थीं. अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल ने 2017 में भाजपा के साथ गठबंधन कर यूपी विधानसभा का चुनाव लड़ा था. लेकिन उनकी पार्टी से किसी को भी राज्य मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला. फिर 2019 में भी वह भाजपा के साथ लोकसभा चुनाव में उतरीं और मिर्जापुर से जीत हासिल की, लेकिन मंत्री नहीं बनाई गईं. कुछ समय पहले ही अनुप्रिया पटेल को दोबारा मंत्री बनाया गया है.
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