किसी वीडियो को लेकर व्यथित थे नरेंद्र गिरी, एक हफ्ते पहले भी की थी सुसाइड की कोशिश
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किसी वीडियो को लेकर व्यथित थे नरेंद्र गिरी, एक हफ्ते पहले भी की थी सुसाइड की कोशिश

सूत्रों के हवाले से पता चला है कि महंत नरेंद्र गिरी एक वीडियो को लेकर बेहद व्यथित थे. बताया जा रहा है कि वीडियो के जरिए महंत नरेंद्र गिरी को कई बार ब्लैकमेल करने की कोशिश की गई थी...

किसी वीडियो को लेकर व्यथित थे नरेंद्र गिरी, एक हफ्ते पहले भी की थी सुसाइड की कोशिश

प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की कथित आत्महत्या से पूरे संत समाज में शोक की लहर दौड़ गई है. वह प्रयागराज के अल्लापुर में स्थित बाघम्बरी मठ के महंत और त्रिवेणी संगम स्थित बड़े हनुमान मंदिर के प्रमुख व्यवस्थापक थे. सनातन धर्म से लगाव और राजनीतिक गलियारों से जुड़ाव के चलते इनके द्वारा समय-समय पर दिए गए बयान सुर्खियों में रहे. उनकी मौत के बाद कई हैरान करने वाली बातें भी सामने आ रही हैं...

किसी वीडियो को लेकर परेशान थे नरेंद्र गिरी
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि महंत नरेंद्र गिरी एक वीडियो को लेकर बेहद व्यथित थे. बताया जा रहा है कि वीडियो के जरिए महंत नरेंद्र गिरी को कई बार ब्लैकमेल करने की कोशिश की गई थी. अब इस वीडियो को लेकर पुलिस आनंद गिरी से पूछताछ करेगी. 

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एक हफ्ते पहले भी की थी आत्महत्या की कोशिश
इतना ही नहीं, यह बात भी सामने आ रही है कि एक हफ्ते पहले भी महंत नरेंद्र गिरी ने आत्महत्या की कोशिश की थी. इस मामले में और वीडियो को लेकर भी पुलिस आनंद गिरी से सवाल-जवाब करने वाली है.

सेवादार अमर गिरी की एफआईआर में आनंद गिरी का नाम
बता दें, बाघंबरी मठ के सेवादार अमर गिरी ने नरेंद्र गिरी मौत मामले में पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है. इस रिपोर्ट में स्वामी आनंद गिरी समेत कई लोगों को नामजद करते किया गया है. एफआईआर प्रयागराज के जॉर्ज टाउन थाने में धारा-306 समेत अन्य धाराओं में दर्ज कराई गई है. फिलहाल, यूपी पुलिस की आधा दर्जन टीम कई संदिग्धों की तलाश में दबिश दे रही है.

एफआईआर में जिक्र है कि दरवाजा धक्का देकर खोला गया है, जबकि पहले ये कहा गया था कि दरवाजा तोड़ा गया. वहीं, अमर गिरी द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट में आरोपी के कॉलम में सिर्फ आनंद गिरि का नाम है. एफआईआर के मुताबिक, महंत नरेंद्र गिरी कल दोपहर लगभग 12:30 बजे बाघम्बरी गद्दी के कक्ष में भोजन के बाद रोज की तरह विश्राम के लिए गए थे. रोज 3 बजे दोपहर में चाय का समय होता था. लेकिन नरेंद्र गिरी ने चाय के लिए मना कर दिया था. फिर कहा था कि जब पीनी होगी तो वह स्वयं सूचित करेंगे.

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फोन ऑफ आने पर शिष्य उनके कमरे में गए
शाम करीब 5 बजे तक कोई सूचना ना मिलने पर उन्हें फोन किया गया. लेकिन महंत नरेंद्र गिरी का फोन बंद था. दरवाजा खटखटाया गया तो कोई आहट नहीं मिली. जिसके बाद सुमित तिवारी, सर्वेश कुमार द्विवेदी, धनंजय आदि ने धक्का देकर दरवाजा खोला. तब महाराज जी पंखे में रस्सी से लटकते हुए पाए गए. जीवन की संभावना को देखते हुए शिष्यों ने रस्सी काटकर महाराज जी को नीचे उतारा. लेकिन तब तक वह स्वर्ग लोक वासी हो चुके थे. 

नरेंद्र गिरी कहते थे- आनंद गिरी हमें बहुत परेशान करता है
एफआईआर में जिक्र है कि श्री महाराज पिछले कुछ महीने से आनंद गिरि को लेकर परेशान रहा करते थे. यह बात कभी कभी वह स्वयं भी कहते थे कि आनंद गिरी हमें बहुत परेशान करता रहता है.

गुरु के बगल में बनाई जाएगी समाधि
फिलहाल, बताया जा रहा है कि महंत नरेन्द्र गिरी की समाधि उनके गुरु बलदेव गिरी के बगल में ही बनाई जाएगी. अंतिम दर्शन के लिए उनका शव वहीं रखा गया है, जहां उन्होंने आत्महत्या की थी. सबसे पहले अखाड़े के पंच परमेश्वर महंत नरेंद्र गिरी के पार्थिव शरीर का दर्शन करेंगे. वहीं, स्वतंत्र देव सिंह भी सीएम के साथ महंत नरेंद्र गिरि के अंत्येष्टि में शामिल होंगे.

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जांच के लिए चीफ जस्टिस को पत्र याचिका
बता दें, महंत नरेंद्र गिरी की मौत मामले में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र याचिका दी गई है. संदिग्ध मौत मामले की निष्पक्ष जांच के आदेश के लिए कोर्ट में पत्र याचिका दायर की गई है. बताया जा रहा है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ता सुनील चौधरी ने चीफ जस्टिस को यह पत्र याचिका भेजी है और स्वतः संज्ञान लेकर मामले की निष्पक्ष जांच के आदेश जारी करने का अनुरोध किया है.

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