लखनऊ में आज यादव कुनबे की अहम बैठक प्रस्तावित है जिसमे अखिलेश यादव, शिवपाल, रामगोपाल और मुलायम शामिल होंगे.. बैठक में ये तय होगा कि आगे किन योजना पर काम करना है जिससे जीत हासिल हो सके.. इसके साथ ही गठबंधन को लेकर....
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विशाल सिंह/लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों (UP Assembly Election 2022) की तारीखों के ऐलान के बाद राज्य में सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं. पार्टी कार्यालयों में पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की मीटिंग का दौर शुरू हो गया. रविवार को बसपा चीफ मायावती ने प्रेस कॉफ्रेंस कर चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हुए अपनी जीत का दावा किया. चुनावी तारीखों के ऐलान के बाद एक और बड़ी पार्टी में हलचल होने जा रही है. सपा फैमिली में बैठकों का दौर शुरू हो चुका है. आज गठबंधन को लेकर सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर भी चर्चा होगी.
यादव परिवार की अहम बैठक
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोमवार को यादव कुनबे की एक अहम बैठक होने जा रही है. इस बैठक में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव, सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ शिवपाल सिंह यादव और पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव भी शामिल होंगे. अभी तक चाचा शिवपाल यादव के साथ अखिलेश यादव ने मंच साझा नहीं किया है. बैठक में ये तय होगा कि चुनाव में जीतने के लिए किन योजनाओं पर काम करना है. बताया जा रहा है कि बैठक को अखिलेश और शिवपाल की फोन पर चर्चा की. वहीं परिवार के कुछ और लोग भी बैठक में शामिल होंगे. कयास लगाए जा रहे हैं कि लखनऊ में होने वाली मीटिंग के दौरान सीटों के बंटवारे और आपसी सामंजस्य की रणनीति पर चर्चा की जा सकती है.
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यूपी से बीजेपी का साफ होना तय-अखिलेश
चुनावों की घोषणा के साथ ही सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा है कि बीजेपी का यूपी से सफाया होना तय है. उन्होंने कहा कि ये तारीखें बदलाव की हैं. शुरुआत 10 फरवरी से हो रही है और 10 मार्च तक परिणाम आएगा. अखिलेश ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा रखी गई शर्तों का पालन किया जाएगा.
वर्चुअल रैली को लेकर कही ये बात
वर्चुअल रैली करने को लेकर सपा अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना से बचने के लिए ये जरूरी है, लेकिन चुनाव आयोग को उन पार्टियों के बारे में भी सोचना चाहिए जिनके पास कोई इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है, फिर भला वो वर्चुअल रैली कैसे करेंगे. इसलिए आयोग को कुछ सहयोग देना चाहिए. चाहे चैनल के माध्यम से, विपक्ष के लोगों को ज्यादा समय दें और मुफ्त में समय दे.
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