Types of Body Pains: कुछ लोगों में देखा जाता है कि ज्यादा काम करने के बाद उनको थकान होती है और थकान के बाद मांसपेशियों में दर्द होने लगता है. कई लोगों में बिना काम किए मांसपेशियों का दर्द शुरू हो जाता है. यहां बेवजह पैरों में होने वाले लगातार दर्द के बारे में बताया जा रहा है. ..
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Pain in Body: आजकल की लाइफ स्टाइल के चलते शरीर में कई तरह की परेशानियां पैदा हो जाती है. घर और ऑफिस के काम के बीच में व्यक्ति को अपने खुद के लिए टाइम ही नहीं मिलता है. कभी हम इतना काम करते हैं कि शरीर के कई हिस्सों में थकान और दर्द होने लगता है. आपको बता दें कि शरीर में होने वाली हर छोटी बड़ी परेशानी की कोई न कोई वजह होती है. हमारी बॉडी के बहुत से अंगों में लगातार दर्द की शिकायत बनी रहती है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि यह किसी गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है. इस आर्टिकल में जानते हैं कि आपके शरीर के इन हिस्से को दर्द को बिलकुल नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
गठिया का दर्द (Arthritis)
गठिया यानी आर्थराइटिस के हड्डियों के जोड़ों में भयंकर दर्द होता है. गठिया मुख्य रूप से शरीर के साइनोवियल जॉइंट (Synovial Joint) की सूजन होती है. इसकेके कारण हड्डियां कमजोर हो जाती हैं उनमें टूट-फूट शुरू हो जाती है. गठिया जोड़ों में दर्द और सूजन होने लगती है. यह एक ऐसा शब्द है जिसका उपयोग उन बीमारियों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है जो आपकी हड्डियों या जोड़ों को प्रभावित करती हैं. इस दर्द चलने-फिरने जैसे रोजमर्रा के कामों को करना भी मुश्किल हो जाता है. इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है,लेकिन अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव करके आप इसके दर्द को कम कर सकते हैं. जैसे कि नियमित एक्सरसाइज और स्वस्थ आहार. इससे आपको मदद मिल सकती है
आंखों में दर्द (eye pain)
लंबे समय तक मोबाइल या लैपटॉप में काम करने की वजह से कई लोगों में यह समस्या देखी जाती है. आंखों में आमतौर पर दर्द थकावट और स्क्रीन के सामने लंबे समय तक बैठे रहने के कारण से हो सकता है. हालांकि अगर आप मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर जैसी चीजों से दूर रहते हैं और फिर भी आंखों में दर्द हो रहा है तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं. क्योंकि ये शरीर में पनप रही किसी समस्या का संकेत हो सकता है.
इलेक्ट्रोलाइट्स (Electrolytes)
लो लेवलइलेक्ट्रोलाइट आपके शरीर को हेल्दी रखने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं. इनकी मदद से ही शरीर के मुख्य अंग अपना काम ठीक तरह से कर पाते हैं. शरीर में इनका असंतुलन गंभीर बीमारियों को दावत देता है.इलेक्ट्रोलाइट्स के असंतुलन से पैरों में दर्द और मांसपेशियों में ऐंठन की समस्याएं भी होती हैं. इसके अलावा दस्त, कब्ज, भ्रम, सुस्ती, मतली और सुन्नता जैसी समस्याएं शामिल हैं. इस कंडीशन में व्यक्ति की कई बार हार्ट बीट अनियमित और तेज होने लगती है.
सायटिका (Sciatica)
सायटिका नस आपकी पीठ के निचले हिस्से से निकलती है और आपके नितंबों और दोनों पैरों तक जाती है. इसमें होने वाले दर्द को ही सायटिका कहते हैं. इस दर्द से पैरों में दर्द, झुनझुनी और सुन्नता इसके आम लक्षण हैं.
पेरिफेरल न्यूरोपैथी (Peripheral neuropathy)
पेरिफेरल न्यूरोपैथी एक ऐसी अवस्था है जो दिमाग और रीढ़ की हड्डी के बाहर मौजूद नसों में नुकसान पहुंचने के कारण होती है. यह पैर की मांसपेशियों को प्रभावित कर सकता है और उन्हें सुन्न या कमजोर बना सकता है. पेरिफेरल (परिधीय) तंत्रिकाओं का उपयोग मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को संदेश भेजने और ले जाने के लिए किया जाता है. मधुमेह सहित परिधीय न्यूरोपैथी के कई कारण हैं.
डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (DVT)
डीप वेन थ्रॉम्बोसिस बीमारी को वीनस थ्रॉम्बोसिस के रूप में भी जाना जाता है. ये एक ऐसी स्थिति है जो तब होती है जब नसों में खून के थक्के बनने लगते हैं. ये खून के थक्के आपके खून के प्रवाह (Bloof Flow) को आंशिक या पूरी तरह से अवरुद्ध कर सकते हैं. ये आमतौर पर टांगों या बाहों में बनते हैं. लेकिन जब लोअर बॉडी में यह थक्के बनने लगते हैं तो शरीर के निचले हिस्से में खून पहुंचना कम होने लगता है या कई बार बंद हो जाता है जिससे तेज दर्द होता है. यही वजह है कि डीवीटी से पीड़ित लोगों को अक्सर टांगों में सूजन या दर्द का अनुभव होता है.
टेंडोनाइटिस (Tendonitis)
टेंडोनाइटिस कंडीशन में मांसपेशियों को हड्डी से जोड़ने वाले ऊतक में सूजन आ जाती है. टेंडनाइटिस हड्डियों से जुड़ी बीमारी होती है. यह सूजन आगे चलकर दर्द पैदा करती है. यह बीमारी ज्यादातर शरीर के ऊपरी हिस्से में होती है और इस दौरान दर्द होता है. आगे चलकर पैरों में भी दर्द बढ़ने लगता है.
एड़ी में दर्द (heel pain)
लाखों लोग इस तरह के दर्द से दो चार होते हैं. यह एड़ी को ज़रूरत से अधिक प्रयोग में लेने से या किसी चोट के देखने को मिलता है. एड़ी में दर्द अंदर की ओर या पीछे की तरफ महसूस हो सकता है।. यदि इस प्रकार की समस्या लगातार देखने को मिल रही है तो कृपया देर ना करें, वरना ये समस्या बढ़ सकती है और इसे ठीक होने में ज़्यादा समय लग सकता है. एड़ी में दर्द के लक्षण कई प्रकार के हो सकते हैं.ये दर्द आमतौर पर पैर के नीचे एड़ी के आगे की तरफ होना. इसके अलावा पैर में सुन्नता होने लगती है. अगर एड़ी में ज्यादा दर्द हो रहा है तो इलाज के लिए डॉक्टर के पास जाएं.
एड़ी में दर्द के उपचार
एड़ी में दर्द के इलाज के लिए ज़रूरी नहीं हर मौके पर डॉक्टर के पास ही जाना पड़े. कुछ ऐसे घरेलू उपाय भी जिनके इसे ठीक किया जा सकता है. ज्यादा होने पर डॉक्टर के पास जाएं,घरेलू उपचार में आप लगभग एक हफ्ते तक अपनी बॉडी को रेस्ट पर रखें जिसकी मदद से एड़ी पर ज़्यादा ज़ोर नहीं लगेगा. दर्द भी कम हो जाएगा. इसके अलावा वर्फ की सेक भी कर सकते हैं. एक्सरसाइज़ भी कर सकते हैं जो एड़ी से जुड़ी हो.एड़ी में दर्द के लक्षण दिखने पर स्टेªचिंग का प्रयोग भी कर सकते हैं. आप अपने साइज के जूते पहने जो आरामदायक हों.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE UPUK इसकी पुष्टि नहीं करता है.)