लखनऊ : यूपी सरकार (Yogi Adityanath) जल्द ही रिक्त पड़े निगम और बोर्ड के पदों को भरने की कवायद शुरू करनेजा रही है. इन पदों पर बीजेपी नेताओं - कार्यकर्ताओं को समायोजित किया जाएगा.इसके लिए तैयारी तेज हो गई है. इन पदों पर जिम्मेदारी मिलने की आस लगाए बैठे नेताओं के लिए यह खबर राहत देने वाली है. वहीं बीजेपी (UP BJP) में नए प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के कमान संभालने के बाद संगठन को मजबूत करने पर भी मंथन तेज हो रहा है. हालांकि ऐसे साफ संकेत हैं कि संगठन में बदलाव गहन विचार-विमर्श के बाद ही होगा.
नगर निकाय चुनाव के पहले संगठन में बदलाव नहीं
प्रदेश बीजेपी की टीम में दिसंबर तक बदलाव के आसार नहीं दिख रहे हैं. नगर निकाय चुनाव के पहले संगठन में कोई व्यापक फेरबदल के पक्ष में पार्टी नहीं दिख रही है. नगर निगम और नगर पालिका चुनाव को यूपी विधानसभा चुनाव के बाद सरकार के लिए पहला बड़ा इम्तेहान माना जा रहा है. ऐसे में पार्टी किसी भी प्रकार से कोई चूक नहीं करना चाहती. नगर निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी पहले ही साफ कर चुकी है कि मंत्री, सांसद और विधायकों के परिजनों को टिकट नहीं मिलेगा.
एक व्यक्ति-एक पद सिद्धांत लागू होगा
दरअसल, यूपी बीजेपी में सरकार और संगठन में दोनों जगह संभालने वाले नेताओं को एक व्यक्ति-एक पद सिद्धांत के तहत एक जिम्मेदारी छोड़नी है. पश्चिमी यूपी से ताल्लुक ऱखने वाले भूपेंद्र चौधरी ( Bhupendra Chaudhary) ने यूपी बीजेपी अध्यक्ष बनने के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार से इस्तीफा दे दिया था. वो यूपी सरकार (UP Government) में पंचायती राज मंत्री थे. इसके बाद खबरें आई थीं कि यूपी सरकार में शामिल पांच और मंत्री संगठन में जिम्मेदारी को ज्यादा बखूबी तरीके से निभाने के लिए सरकार से त्यागपत्र दे सकते हैं.