UP: धांधली में लिप्त एजेंसी को दे दी फिर से दरोगा भर्ती परीक्षा की जिम्मेदारी, HC में याचिका दायर
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UP: धांधली में लिप्त एजेंसी को दे दी फिर से दरोगा भर्ती परीक्षा की जिम्मेदारी, HC में याचिका दायर

UP Police Daroga Bharti 2020-21: दरोगा भर्ती प्लाटून कमांडर पीएसी एवं अग्निशमन द्वितीय अधिकारी के पदों पर सीधी भर्ती 2020-21 के चयन में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थियों ने याचिका दायर कर हाईकोर्ट से मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करी. 

UP: धांधली में लिप्त एजेंसी को दे दी फिर से दरोगा भर्ती परीक्षा की जिम्मेदारी, HC में याचिका दायर

UP Police Daroga Bharti 2020-21: मोहम्मद गुफरान/प्रयागराजः उत्तर प्रदेश के डेढ़ दर्जन से अधिक जिलों के दर्जनों अभ्यर्थियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. अभ्यर्थियों ने दरोगा भर्ती प्लाटून कमांडर पीएसी एवं अग्निशमन द्वितीय अधिकारी के पदों पर सीधी भर्ती 2020-21 के चयन में की गई धांधली व अनियमितताओं को चुनौती दी है. हाईकोर्ट ने गुरुवार को इस याचिका पर उत्तर प्रदेश के आला पुलिस अधिकारियों से जवाब मांगा है.

वहीं, उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के चेयरमैन व परीक्षा कराने वाली कार्यदायी संस्थान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसएआईटी) को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की एकलपीठ ने याची तनु चौधरी और कई अन्य की तरफ से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है. 

इस मामले में याची अभ्यर्थियों ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग 
याची के वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम और अतिप्रिया गौतम का कहना था कि परीक्षा संपन्न कराने वाली कार्यदायी संस्था पहले से ही मध्य प्रदेश व उत्तराखंड राज्य में ब्लैक लिस्टेड है. यह भी बताया गया कि इसी संस्था ने पहले भी वर्ष 2016-17 में दरोगा नागरिक पुलिस की परीक्षा संपन्न कराई थी. उस परीक्षा के चयन में भी अनियमितताएं पाई गई थी और जांच के बाद संस्था पर लगाए गए अनियमितताओं के आरोप सही पाए गए थे.

अधिवक्ताओं का कहना था कि संस्था पर लगे इतने गंभीर आरोपों के बावजूद राज्य सरकार ने इसी संस्था को दरोगा भर्ती 2020-21 की परीक्षा संपन्न कराने का अनुबंध कर दिया. उन्होंने कोर्ट से इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कराने की भी मांग की गई है.

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12 नवंबर से 2 दिसंबर 2021 तक आयोजित हुई थी परीक्षा
याचिका में कहा गया है कि 24 फरवरी 2021 को उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने कुल 9534 रिक्त पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी किया था. इन पदों में 9027 दरोगा सिविल पुलिस, 484 प्लाटून कमांडर पीएसी, एवं 23 अग्निशमन द्वितीय अधिकारी के पद शामिल हैं. जारी विज्ञापन के अनुसार चयन में ऑनलाइन लिखित परीक्षा, अभिलेखों की समीक्षा एवं शारीरिक मानक परीक्षा और शारीरिक दक्षता परीक्षा का प्रावधान था. ऑनलाइन लिखित परीक्षा 12 नवंबर से 2 दिसंबर 2021 तक 3 चरणों में उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में कुल 92 परीक्षा केंद्रों पर तीन पालियों में आयोजित की गई थी. कोर्ट को बताया गया ये सभी याची ऑनलाइन लिखित परीक्षा में पास होने के बाद शारीरिक मानक परीक्षा में चयनित हो गए थे.

भर्ती केंद्र पर याची अभ्यर्थियों से गाली-गलौज कर उन्हें धमकाने का आरोप 
अधिवक्ता विजय गौतम ने बताया कि सभी याची अगला टेस्ट पीटी में सम्मिलित होने के लिए मई 2022 में भर्ती केंद्र पर उपस्थित हुए, लेकिन वहां पर उनका साक्षात्कार लिया जाने लगा. उनसे पूछा गया कि उन्हें लिखित परीक्षा में ज्यादा अंक कैसे मिले और कम समय में उन्होंने 160 प्रश्न कैसे हल कर लिया. आरोप है कि भर्ती केंद्र पर याची अभ्यर्थियों के साथ गाली-गलौज कर उन्हें धमकाया गया.

इसके बाद उनके खिलाफ उसी दिन विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज कर जेल भेज दिया गया. जमानत पर छूटने के बाद याची अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. वहीं, उन्हें शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल कर आगे चयन की कार्रवाई पूरी करने की मांग की गई है. 

हाईकोर्ट ने इन लोगों को जारी किया नोटिस
हाईकोर्ट ने याचिका को विचारणीय मानते हुए सभी विपक्षियों, जिसमें पुलिस के आला अधिकारियों, भर्ती बोर्ड के चेयरमैन व परीक्षा कराने वाली संस्था को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. वहीं, इस याचिका पर सुनवाई के लिए 6 सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है.

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