विधानसभा सत्र के दौरान सपा के एक नेता नरेंद्र वर्मा ने यूपीटीईटी का मुद्दा उठाया था. उनका कहना था कि प्रदेश के शिक्षित युवाओं को बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है. उनका शोषण किया जा रहा है. नरेंद्र वर्मा ने आरोप लगाया था कि इतने बड़े घोटाने के मुख्यारोपी सत्ता के करीबी हैं. इसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री ने सदन को आश्वासन दिया कि टीईटी एग्जाम दोबारा आयोजित किया जाएगा...
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लखनऊ: UPTET 2021 Paper Leak Case के बाद अब इसके लिए दोबारा एग्जाम होंगे. यह परीक्षा जनवरी के तीसरे हफ्ते में कराई जाएगी. दरअसल, बीते गुरुवार को विधानसभा में पेपर लीक होने का मुद्दा उठाया गया था. इस दौरान बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी (Satish Chandra Dwivedi) ने सदन को यह जानकारी दी.
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अतिरिक्त फीस लिए बिना आयोजित किया जाएगा एग्जाम
जानकारी के मुताबिक, विधानसभा सत्र के दौरान सपा के एक नेता नरेंद्र वर्मा ने यूपीटीईटी का मुद्दा उठाया था. उनका कहना था कि प्रदेश के शिक्षित युवाओं को बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है. उनका शोषण किया जा रहा है. नरेंद्र वर्मा ने आरोप लगाया था कि इतने बड़े घोटाने के मुख्यारोपी सत्ता के करीबी हैं. इसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री ने सदन को आश्वासन दिया कि टीईटी एग्जाम दोबारा आयोजित किया जाएगा और पुराने आवेदन पर ही सभी कैंडिडेट्स एग्जाम दे सकेंगे. कोई भी अतिरिक्त फीस किसी भी उम्मीदवार से नहीं ली जाएगी.
घोटाले में हो चुकी हैं बड़ी गिरफ्तारियां
संसदीय कार्य मंत्री ने सदन को बताया कि इस केस में तेजी से काम किया जा रहा है. एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए कई जिलों से 10 मामले दर्ज कराए हैं. इनमें 33 लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है. इसी के साथ, बड़ी सफलता यह है कि घोटाले का मास्टरमाइंड भी पकड़ लिया गया है.
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एग्जाम कराने की तैयारियां तेज
गौरतलब है कि 28 नवंबर को आयोजित किए गए UPTET एग्जाम के रद्द होने के बाद से ही कैंडिडेट्स अगली तारीख का इंतजार कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी के नए सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने एग्जाम के आयोजन की तैयारी भी तेज कर दी हैं. इसी के साथ एग्जाम की नई डेट को लेकर लगातार विचार-विमर्श चल रहा है. बताया जा रहा है कि दोबारा से प्रश्नपत्र तैयार करने, मॉडरेटर द्वारा परीक्षण करने, एग्जाम सेंटर्स को तैयार करने, फिर एडमिट कार्ड जारी करने जैसे कई ऐसे बड़े काम हैं, जिनका ध्यान रखना होता है. ऐसे में 20 जनवरी से पहले परीक्षा कराना मुश्किल है.
पहली पाली के बीच रद्द हुआ था पेपर
याद हो, बीते 28 नवंबर को पूरे प्रदेश में यूपीटीईटी का एग्जाम आयोजित किया गया था. लेकिन, कुछ ही समय में खबर आ गई थी कि पेपर लीक हो गया है. ऐसे में पहली पाली की परीक्षा को बीच में ही रोक कर पेपर रद्द कर दिया गया था. इसके बाद आरोपियों की तलाश में यूपी एसटीएफ को जांच सौंपी गई है. बताया जा रहा है कि अबतक इस मामले में 33 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसमें मुख्यारोपी संतोष चौरसिया, तत्कालीन परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय और प्रिंटिंग कंपनी का मालिक राय अनूप शामिल हैं.
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