उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार वेस्ट टू एनर्जी प्रोग्राम को लेकर काफी गंभीर है. मथुरा में सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर तैयारियां भी शुरू हो गई हैं. पढ़िए एक ख़ास रिपोर्ट
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कन्हैया लाल शर्मा/मथुरा: स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना अंतर्गत सॉलिड एवं लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए मथुरा जिला प्रशासन ने प्रयास तेज कर दिए हैं. इसके लिए 5000 से अधिक आबादी वाली 87 संबंधित ग्राम पंचायत का चयन किया गया है. इन सभी पंचायतों के सचिव व सहायक विकास अधिकारियों की बैठक बुलाकर योजना को अंतिम रूप दिया गया.
इस तरह आगे बढ़ेगी स्कीम
गांव से निकलने वाले सॉलिड वेस्ट एवं गोबर के निस्तारण हेतु खाद के गड्ढे, नाडेप,सामुदायिक नाडेप पद्धति पर आधारित खाद के गड्ढे, वर्मी कंपोस्ट पद्धति के खाद के गड्ढे, प्लास्टिक बैंक, कचरा पात्र, इंसीनरेटर आदि बनाएं जाएंगे. सामुदायिक वर्मी कंपोस्ट से गांव में रोजगार के मौके भी सामने आएंगे. इससे वर्मी खाद तैयार होगी, जिसको बाजार में बेचकर ग्राम पंचायत राजस्व जुटा सकेंगी.
लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए उपाय
इसी तरह लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए नालियों के निर्माण, व्यक्तिगत सोखता गड्ढे, सामुदायिक सोखता गड्ढे, सिल्ट कैचर, पीटीसी चैंबर, वेस्ट स्टेबलाइजेशन पॉन्ड आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई. अपर जिला पंचायत राज अधिकारी गिरीश यादव ने सचिवों को ऑडिट ससमय निस्तारित करने के निर्देश दिए. मीटिंग में उपस्थित ग्राम पंचायत सचिवों को निर्देश दिए गए कि वह दो दिन के भीतर ग्राम पंचायत में लेखपाल, एवं ग्राम वासियों के साथ बैठक करें. इसके बाद गांव का सर्वे कर व्यक्तिगत, सामुदायिक खाद के गड्ढे, प्लास्टिक बैंक, डस्टबिन, इंसीनरेटर, सिल्ट कैचर, फिल्टर चैंबर आदि का निर्माण कार्य शुरू करवाएं. बैठक में जिला समन्वयक पवन चौधरी,शेखर कांत,राहुल शर्मा जिला परियोजना प्रबंधक आदि मौजूद रहे.