सरकारी संस्थानों को 10 साल के लिए एक रुपये प्रति किलोवाट की दर पर पट्टे दिए जाएंगे जबकि निजी संस्थाओं को यह रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल पर 10 साल के लिए 1 रुपये प्रति किलोवॉट की दर पर पट्टे दिए जाएंगे.
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विशाल सिंह/लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार शहरों में लोगों की जरूरतों को ध्यान रखते हुए इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन की सुविधा देने जा रही है. चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए शहरों में दस साल के लिए जमीन पट्टे पर दी जाएगी. राज्य के 17 नगर निगमों की जमीन चिन्हित करने के आदेश जारी हो गए हैं. यूपी सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है. इसी के तहत पिछले दिनों इलेक्ट्रिक वाहन नीति को मंजूरी दी गई थी.
रियायती दरों पर दिए जाएंगे भूमि के पट्टे
शहरी इलेक्ट्रानिक वाहनों की चार्जिंग और स्वैपिंग स्टेशन बनाने के लिए रियायती दरों पर भूमि पट्टे पर दिए जाएंगे. सरकारी संस्थानों को 10 साल के लिए एक रुपये प्रति किलोवाट की दर पर पट्टे दिए जाएंगे. जबकि निजी संस्थाओं को यह रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल पर दस साल के लिए एक रुपये प्रति किलोवॉट की दर पर पट्टे दिए जाएंगे.
17 नगर निगमों की जमीन चिह्नित
फिलहाल प्रदेश के 17 नगर निगमों को जमीन चिह्नित करने के निर्देश दे दिए गए हैं. किराया पट्टा अवधि, राजस्व बंटवारा दर और अन्य निर्धारित मानकों के माध्यम से समय-समय पर तय की जाएगी. प्रदेश सरकरा वर्ष 2030 तक पूरी तरह से इलेक्ट्रिक गाड़ियां चलाना चाहती है. इसके साथ ही पूरी तरह से ई-बसों को चलाने की भी योजना है. कहने का मतलब है कि इसी तरह ई बसों को चलाया जाएगा.
इतना होगा शुल्क
सरकारी जमीन लेने वालों को चार्जिंग के लिए न्यूनतम शुल्क लेना होगा. ऐसी संस्थानों का सिलेक्शन सेवा शुल्क को टेंडर के आधार पर तय किया जाएगा. पहले चरण में 17 नगर निगमों में ये सुविधा दी जाएगी.
इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर ग्राहकों को भारी सब्सिडी
बता दें कि बीते दिनों सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक हुई थी. इस मीटिंग में यूपी की नई इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण और गतिशीलता नीति 2022 को मंजूरी दी गई थी. इसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर प्रदेश सरकार द्वारा ग्राहकों को भारी सब्सिडी दी जाएगी.इसके अलावा शासन ने लखनऊ के लिए व्यापक इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्लान (सीईएमपी) बनाने का भी फैसला किया है. प्लान सफल होने के बाद में दूसरे शहरों के लिए भी तैयार किया जाएगा.
इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन के संबंध में जारी शासनादेश में कहा गया है कि पब्लिक प्लेस, पार्किंग स्थलों, मेट्रो स्टेशनों, पेट्रोल पंपों, सरकारी भवनों, बस डिपो व टर्मिनल, कार्पोरेट भवनों, स्वास्थ्य संस्थानों, शैक्षिक संस्थानों, शापिंग माल के साथ ही वाणिज्यिक स्थानों, ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी आदि में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग और स्वैपिंग की सुविधा दी जाएगी. इससे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर करीब 10 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा.