गोपाष्टमी पर जानिए 'गोभक्त योगी' की फायदेमंद स्कीम, गायों की सेवा की तो मिलेगा 'डबल फायदा'
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गोपाष्टमी पर जानिए 'गोभक्त योगी' की फायदेमंद स्कीम, गायों की सेवा की तो मिलेगा 'डबल फायदा'

सरकार एक किसान को 4 गोवंश तक पालन के लिए दे सकती है. सरकार हर गोवंश के लिए 900 रुपये पालनकर्ता के अकाउंट में डालेगी. 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. (File Photo)

लखनऊ: यूपी में लोगों को छुट्टा पशुओं की समस्याओं से निजात दिलाने के लिए योगी सरकार लगातार प्रयास कर रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद अपने गोप्रेम की वजह से जाने जाते हैं. गौ संरक्षण और संवर्धन के लिए वे नई-नई योजनाएं लाते रहते हैं. ताकि गायों का भरण-पोषण भी होता रहे और लोगों को उससे फायदा भी मिले. इसके लिए योगी सरकार ने किसानों के सामने ऐसी स्कीम पेश की, जिससे बच्चों और माताओं का कुपोषण भी खत्म होगा और आवारा गायों को घर और सेवा भी मिल सकेगी. 

  1. योगी सरकार ने 5.25 लाख गोवंशों को किया संरक्षित
  2. 1071 गोवंशों की 1069 कुपोषित बच्चों के परिवार कर रहे देखभाल
  3. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 5,145 निराश्रित गोवंश आश्रय स्थल संचालित

मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना
मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के तहत एक गाय का पालन किसान के करने पर सरकार 900 रुपए हर माह दे रही है. सहभागिता योजना और पोषण मिशन के तहत 1069 कुपोषित बच्चों के परिवारों को 1071 गोवंश दिया गया है. इस योजना को आगे बढ़ाते हुए अब मुख्यमंत्री ने कहा है कि जियो टैग करने के बाद अगर उनमें से कोई गाय या बछड़ा लोग अपने घर में रखना चाहते हैं, तो सरकार एक किसान को 4 गोवंश तक पालन के लिए दे सकती है. सरकार हर गोवंश के लिए 900 रुपये पालनकर्ता के अकाउंट में डालेगी. 

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गाय पालने वालों को डबल फायदा 
सीएम योगी की लाई गई इस योजना से फायदा सिर्फ गोवंश को घर मिलने का नहीं है. जो भी परिवार इन्हें सरकारी आर्थिक सहायता पर पालेगा, उन्हें दूध-दही भी मिल सकेगा. घर के बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों को पोषण भी मिल सकेगा. सीएम का कहना है कि भारतीय नस्ल का गोवंश, जो अभी 100 ग्राम 200 ग्राम 200 ग्राम दूध देता है, यही गोवंश 2 किलो 3 किलो 5 किलो दूध देने तक जाएगा कोई भी लाभार्थी से सड़कों पर नहीं छोड़ेगा. गोवंश के पालन के साथ इनके गोबर और गोमूत्र से बनने वाली औषधीय गुणों का भी फायदा पालनकर्ता को मिलेगा और गोबर को खेती में खाद के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा. 

गौशालाओं में रोजगार सृजन 
रोजगार सृजन के लिए मनरेगा को भी गौ-आश्रय स्थलों से जोड़ा गया है. मनरेगा के तहत प्रदेश के गौ-आश्रय स्थलों पर करीब 3,116 परियोजनाएं संचालित हैं, जिसके द्वारा 4,18,209 मानव दिवस का सृजन किया जा चुका है. साथ ही 1056 गौ-आश्रय स्थलों पर जैविक खाद तैयार की जा रही है. पशुपालन विभाग को जिलों में पंजीकृत गौशालाओं के अनुदान के लिए 52 आवेदन मिले हैं, जिसमें 14 गौशालाओं को अनुदान दिया गया है. 

अब तक 5.25 लाख गोवंश को शरण 
पशुपालन विभाग के मुताबिक प्रदेश में गायों की संख्या 1.9 करोड़ और भैंसों की संख्या करीब 3.3 करोड़ है. मुख्यमंत्री के गौ संरक्षण अभियान के चलते प्रदेश के 11.84 लाख निराश्रित गोवंशों में से अब तक 5,25,376 गोवंशों को गौ-आश्रय केन्द्रों में संरक्षित किया गया है. सरकार की ओर से करीब 5,145 निराश्रित गोवंश आश्रय स्थल चलाए जा रहे हैं. 

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इयर टैगिंग पशुओं के लिए आधार कार्ड
पशुपालन विभाग की ओर से पालतू पशुओं की इयर टैगिंग की जा रही है. यह इयर टैग पशुओं के लिए आधार कार्ड सरीखा है, जिसमें उसके मालिक की पहचान, नस्ल और वर्तमान स्थिति की पूरी जानकारी आनलाइन उपलब्ध होती है. प्रदेश भर में गोवंशीय और महिषवंशीय पशुओं में 2,23,83,742 की टैगिंग की जा चुकी है, जिसमें 95,77,781 गोवंश हैं. योगी सरकार देश की पहली ऐसी सरकार है, जिसने 31 मार्च 2021 तक गोवंश के आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया को पूरा करने का संकल्प लिया है.

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