Waqf Act Delhi High Court: याचिकाकर्ता के मुताबिक इस एक्ट के प्रावधानों के चलते वक्फ की संपत्तियों को विशेष दर्जा हासिल है. ऐसा दर्जा ट्रस्ट, मठ, अखाड़े की संपत्ति को हासिल नहीं है. इसलिए ये एक्ट समानता के मूल अधिकार का हनन करता है.
Trending Photos
Constitutional validity of Waqf Act: वक़्फ एक्ट के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती देने का मामला अदालत में है. अब इसी मामले में जमीयत उलेमा ए हिंद की ओर से दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए 4 नवंबर तक जवाब मांगा है.
एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय की अर्जी का विरोध
आपको बताते चलें कि जमीयत उलेमा ए हिंद (Jamiat Ulema-e-Hind) ने दिल्ली HC में अर्जी दायर कर वक़्फ एक्ट (Waqf Act) के प्रावधानों को चुनौती देने वाली अश्विनी उपाध्याय की अर्जी का विरोध किया है. दरअसल जमीयत ने इस मसले में खुद को पक्षकार बनाने की मांग करते हुए एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय की याचिका खारिज करने की मांग की है. वहीं आज हुई सुनवाई में जमीयत की याचिका पर सेंट्रल वक़्फ़ कॉउन्सिल को भी दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस दिया है.
समानता के मूल अधिकारों के हनन का हवाला
दरअसल याचिकाकर्ता उपाध्याय के मुताबिक वक्फ संपत्तियों को विशेष दर्जा हासिल है. ऐसे अधिकार हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध या ईसाई धर्म के पास नहीं हैं. यही नहीं, ये एक्ट वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति के तौर पर दर्ज कर, कब्जा करने की मनमानी शक्ति भी देता है. इस याचिका के जरिए वक्फ एक्ट के सेक्शन 4, 5, 6,7, 8, 9 और 14 को चुनौती दी गई है.
याचिकाकर्ता का कहना है कि इन प्रावधानों के चलते वक्फ संपत्तियों को विशेष दर्जा हासिल है, ऐसा दर्जा ट्रस्ट, मठ, अखाड़े की संपत्ति को हासिल नहीं है. यही नहीं इस एक्ट के तहत हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध के पास अपनी संपत्ति को वक्फ संपत्ति में शामिल होने से बचाने के लिए भी कोई प्रावधान नहीं है. लिहाजा ये एक्ट समानता के मूल अधिकारों का हनन करता है.
8 लाख एकड़ जमीन पर वक्फ का कब्जा
याचिका के मुताबिक संपत्ति हासिल करने के लिए वक्फ बोर्ड को जो मनमाने अधिकार मिले हैं, उसके चलते पिछले 10 साल में वक्फ बोर्ड ने बहुत तेजी से दूसरों की संपत्ति पर कब्जा कर उन्हें वक्फ संपत्ति के तौर पर दर्ज किया है. जिसका नतीजा ये निकला है कि आज देशभर में करीब 6.6 लाख संपत्तियों को वक्फ संपत्तियों के रूप में दर्ज किया गया है. इस हिसाब से देश की करीब 8 लाख एकड़ जमीन पर इनका कब्जा है.
आपको बताते चलें कि जुलाई 2020 तक के ये आंकड़े खुद अल्पसंख्यक मंत्रालय के तहत आने वाले वक्फ मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया की ओर से जारी किए गए थे.
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर