Manipur में भड़की हिंसा, सेना को करना पड़ा तैनात; हजारों लोगों को सुरक्षित निकाला गया
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Manipur में भड़की हिंसा, सेना को करना पड़ा तैनात; हजारों लोगों को सुरक्षित निकाला गया

Manipur Violence News: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से गुरुवार को बातचीत की और वहां आदिवासी आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा के बारे में जानकारी ली. केन्द्र मणिपुर के हालात पर करीब से नजर रख रहा है

फोटो साभार - ani

Manipur News: मणिपुर में आदिवासियों के आंदोलन के दौरान हिंसा भड़कने के बाद स्थिति नियंत्रित करने के लिए सेना और असम राइफल्स को तैनात किया गया है. सेना के सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना और असम राइफल्स ने मणिपुर में कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए रात भर सभी समुदायों के 7,500 से अधिक नागरिकों को निकालने के लिए बड़े बचाव अभियान चलाए. बचाई गई आबादी को सहायता प्रदान करने के लिए सेना और असम राइफल्स द्वारा हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है.

सेना के एक प्रवक्ता ने गुरुवार को बताया कि रात में सेना और असम राइफल्स की मांग की गई थी और राज्य पुलिस के साथ बलों ने सुबह तक हिंसा पर नियंत्रण पा लिया. उन्होंने बताया, ‘स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए फ्लैग मार्च किया जा रहा है.’

गृहमंत्री ने की मुख्यमंत्री से बात
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से गुरुवार को बातचीत की और वहां आदिवासी आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा के बारे में जानकारी ली. केन्द्र मणिपुर के हालात पर करीब से नजर रख रहा है और उसने पूर्वोत्तर राज्य के हिंसा प्रभावित इलाकों में तैनाती के लिए त्वरित कार्य बल (आरएएफ) के दल भेजे हैं. आएएफ दंगे जैसे हालात को काबू में करने के लिए दक्ष बल है.

आरएएफ को भेजा गया
आधिकारिक सूत्रों ने बताया आरएएफ की पांच कंपनियों को वायुसेना के विशेष विमान से इंफाल भेजा गया है. वहीं 15 अन्य सामान्य ड्यूटी कंपनियों को राज्य में तैनाती के लिए तैयार रहने को कहा गया है. सूत्रों ने बताया कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की 15 कंपनियां मणिपुर में तैनाती के लिए मौजूद हैं.

बुधवार को भड़की हिंसा
मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की श्रेणी में शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए छात्रों के एक संगठन ने चूराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में बुधवार को ‘आदिवासी एकता मार्च’ आयोजित किया था और इस दौरान हिंसा हुई. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि रैली में हजारों आंदोलनकारियों ने हिस्सा लिया और इस दौरान तोरबंग इलाके में आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच झड़पें हुईं.

पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले
अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई बार आंसू गैस के गोले छोड़े. उन्होंने बताया कि उत्तेजित युवकों को इंफाल पश्चिम जिले के कांचीपुर और घाटी में पूर्वी इंफाल के सोइबाम लीकाई इलाकों में इकट्ठा होते देखा गया.

कई जिलों में लगा कर्फ्यू, राज्य में इंटरनेट बंद
अधिकारी ने बताया कि देखते हुए गैर-आदिवासी बहुल इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम और विष्णुपुर जिलों तथा आदिवासी बहुल चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया. पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं पांच दिन के लिए निलंबित कर दी गईं हैं.

(इनपुट - एजेंसी)

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