Lucknow news: वक्फ का खेल समझिए. बोर्ड ने 2016 में शिवालय और उसके आसपास की जमीन को अपनी जमीन बता दिया. इसके बाद वक्फ बोर्ड ने वो जमीन माफिया मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी को लीज पर दे दी. आरोप है कि अफशां अंसारी ने वक्फ बोर्ड से लीज पर ली जमीन पर प्लाट काटकर बेच दिये.
Trending Photos
Waqf board property row: वक्फ बोर्ड पर अक्सर कब्जा नीति अपनाने के आरोप लगते है. अब इसी से जुड़ा एक मामला लक्ष्मण की नगरी कहे जाने वाले लनखऊ से सामने आया है. जहां वक्फ पर आरोप लग रहे है कि उसने 250 साल पुराने शिवालय और उसकी जमीन पर कब्जा कर रखा है. करीब 8 साल पहले वक्फ बोर्ड ने ये दावा किया कि शिवालय और उसकी जमीन पर उसका मालिकाना हक है. हालांकि 1862 के सरकारी रिकॉर्ड में जमीन शिवालय के नाम पर दर्ज है. वक्फ बोर्ड तो वक्फ बोर्ड है आखिर यूं ही वक्फ बोर्ड भारत का तीसरा सबसे बड़ा लैंड होल्डर नहीं बना है. अब सवाल है कि आखिर मंदिर कैसे वक्फ की प्रॉपर्टी हो गया?
ढाई सौ साल पुराने शिवालय पर दावा
लखनऊ के सादतगंज में करीब ढाई सौ साल पुराने शिवजी मंदिर पर वक्फ ने अपना मालिकाना हक दिखाया हुआ है. करीब 8 साल पहले वक्फ ने कागजों में इसे अपनी संपत्ति घोषित कर रखा है, हालांकि वक्फ के इस दावे को कोर्ट में चुनौती दी गई है. उधर वक्फ के इस दावे को स्थानीय लोग, उसकी भूमाफिया नीति बता रहे है. उसे मंदिर पर अवैध कब्जे की कोशिश बता रहे हैं. स्थानीय निवासियों ने बताया कि लखनऊ लक्ष्मण जी की नगरी है. वक्फ बोर्ड कहां से आ गया पता नहीं? लेकिन वक्फ दावा करता है, वो भी बिना सही 'कागज'के जबकि ये मंदिर सनातन से जुड़े केंद्र हैं.
'वक्फ बोर्ड ने जमीन माफिया मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां को दे दी'
वक्फ का खेल समझिए. बोर्ड ने 2016 में शिवालय और उसके आसपास की जमीन को अपनी जमीन बता दिया. इसके बाद वक्फ बोर्ड ने वो जमीन माफिया मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी को लीज पर दे दी. आरोप है कि अफशां अंसारी ने वक्फ बोर्ड से लीज पर ली जमीन पर प्लाट काटकर बेच दिये. अब सवाल ये है कि 250 साल पुराने मंदिर पर वक्फ बोर्ड किस आधार पर अपना दावा कैसे ठोक रहा है? स्थानीय लोगों का कहना है कि आखिर एक मंदिर वक्फ की संपत्ति कैसे हो सकता है? क्योंकि वक्फ तो उस संपत्ति को कहते हैं जो एक मुसलमान दान करता है और किसी मुस्लिम शख्स ने मंदिर दान कर दिया होगा, ये बात समझ से परे है.