'रोओ मत, सब ठीक हो जाएगा', केरल के वायनाड में वोट डालने आए लोग एक-दूसरे से गले मिलकर रोने क्यों लगे?
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'रोओ मत, सब ठीक हो जाएगा', केरल के वायनाड में वोट डालने आए लोग एक-दूसरे से गले मिलकर रोने क्यों लगे?

tears for Wayanad survivors at polls:  केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है, जहां प्रियंका गांधी मैदान में हैं. आखिर ऐसा क्या हुआ कि इस सीट पर वोट डालने आए लोग रोने लगे. जानें पूरा मामला.

'रोओ मत, सब ठीक हो जाएगा', केरल के वायनाड में वोट डालने आए लोग एक-दूसरे से गले मिलकर रोने क्यों लगे?
Wayanad bypoll: केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए आज मतदान हो रहा है. वायनाड सीट (Wayanad By elections) पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी चुनाव लड़ रहीं हैं. उनका मुकाबला भाजपा उम्मीदवार नव्या हरिदास से है. सभी की नजरें इस सीट पर है. इसी बीच मतदान के दिन वायनाड सीट पर रोने की भी खबर है. जानें पूरा मामला.

मतदान केंद्र पर रोन लगे लोग
इस साल जुलाई में पहाड़ी जिले वायनाड में आए भूस्खलन से प्रभावित हुए लोगों के लिए बनाए गए मतदान केंद्रों पर भावुक दृश्य देखने को मिले, जब वे वायनाड लोकसभा क्षेत्र के लिए हो रहे उपचुनाव में अपने पड़ोसियों और करीबी दोस्तों से मिले. भूस्खलन में जीवित बचे लोगों ने खुशी से एक-दूसरे को गले लगाया और फिर रो पड़े. उन्होंने याद किया कि कैसे वे सभी 30 जुलाई से पहले तक एक बड़े खुशहाल परिवार की तरह रहते थे.

30 जुलाई को आए भूस्खलन ने कर दिया सब बर्बाद
30 जुलाई को आए भूस्खलन ने सब कुछ तबाह कर दिया. एक बुजुर्ग व्यक्ति यह बताते हुए रो पड़ा कि कैसे पुंचरीमट्टम, चूरलमाला और मुंदक्कई गांवों के निवासी अपने धर्मों से इतर हर त्योहार एक साथ मनाते थे. भूस्खलन में ये गांव पूरी तरह से नष्ट हो गए. भूस्खलन प्रभावित मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक ले जाने के लिए बस की व्यवस्था की गई है.

‘‘रोओ मत, सब ठीक हो जाएगा.’’ रोने की जानें वजह?
इस बस में मिले बुजुर्ग व्यक्ति के एक दोस्त ने उन्हें गले लगाया और सांत्वना देते हुए कहा, ‘‘रोओ मत, सब ठीक हो जाएगा.’’ एक अन्य महिला ने बताया कि भूस्खलन के बाद, बचे हुए लोगों को जिले के विभिन्न हिस्सों में स्थानांतरित कर दिया गया या उनका पुनर्वास किया गया. उन्होंने मीडिया से कहा, ‘‘इसलिए, जब हम इतने लंबे अंतराल के बाद उनसे मिल रहे हैं, तो सबसे पहले हम पूछते हैं कि आप कहां रह रहे हैं. यह नहीं पूछते कि आप कैसे हैं.’’ भूस्खलन में प्रभावित हुए लोगों के लिए उन स्थानों से मतदान केंद्रों तक पहुंचने के लिए एक विशेष निःशुल्क वाहन सेवा प्रदान की गई है, जहां वे अस्थायी रूप से रह रहे हैं. भूस्खलन में 200 से अधिक लोग मारे गए और इस आपदा में तीन गांव तबाह हो गए तथा सैकड़ों घर नष्ट हो गए. इनपुट भाषा से 

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