Mamata Baneree का सीबीआई के कोलकाता ऑफिस पर धरना, नाराज TMC समर्थकों ने राजभवन घेरा
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Mamata Baneree का सीबीआई के कोलकाता ऑफिस पर धरना, नाराज TMC समर्थकों ने राजभवन घेरा

तृणमूल (TMC) के हजारों समर्थकों ने निजाम पैलेस को घेर लिया और वहां तैनात केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों और मीडिया कर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया. इसके बाद TMC कार्यकर्ताओं ने राजभवन का घेराव किया. 

फाइल फोटो साभार: IANS

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) तृणमूल कांग्रेस के अपने चार नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में सीबीआई के कोलकाता ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गईं. इस दौरान तृणमूल (TMC) के हजारों समर्थकों ने निजाम पैलेस को घेर लिया और वहां तैनात केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों और मीडिया कर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया. इसके बाद TMC कार्यकर्ताओं ने राजभवन का घेराव किया. 

राजभवन के सामने प्रदर्शन
सीबीआई की कार्रवाई के विरोध में टीएमसी कार्यकर्ताओं ने राजभवन के सामने प्रदर्शन किया और राज्यपाल पर पक्षपात करने का आरोप लगाया. प्रदर्शनकारियों ने राजभवन के गेट पर टीएमसी का झंडा फहराने की कोशिश की. दूसरी ओर, टीएमसी के एमपी अभिषेक बनर्जी ने सभी से शांति की अपील करते हुए कहा कि कोर्ट पर पूरा भरोसा है.

हालात हुए बेकाबू 
दूसरी तरफ सीबीआई दफ्तर पर स्थानीय पुलिस नाराज तृणमूल समर्थकों को खदेड़ने की कोशिश करती रही, लेकिन हालात बेकाबू हो गए. ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के 'निजाम पैलेस' की 15वीं मंजिल पर पहुंचने के बाद तनाव बढ़ गया, जहां सीबीआई का भ्रष्टाचार विरोधी प्रकोष्ठ का कार्यालय है. उनके प्रवक्ता, वकील अनिंद्यो राउत ने मीडियाकर्मियों से कहा 'दीदी (बनर्जी) इस सीबीआई कार्यालय को तब तक नहीं छोड़ेंगी जब तक कि उनकी पार्टी के सहयोगी रिहा नहीं हो जाते.'

सुवेंदु और मुकुल रॉय को क्यों छोड़ा? 
उन्होंने कहा 'ममता बनर्जी ने सीबीआई (BI) अधिकारियों को बताया कि उन्होंने चार नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें दो मौजूदा और दो पूर्व मंत्री शामिल हैं, बिना किसी अनिवार्य सूचना के. ये गिरफ्तारियां राजनीति से प्रेरित और अवैध हैं. सुवेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय को छोड़ दिया गया है, जबकि उन पर समान आरोप हैं.' 

 

क्या है मामला
सीबीआई ने सोमवार को समानांतर छापेमारी शुरू की और नारद स्टिंग मामले (Narada Scam) की जांच में टीएमसी के मंत्रियों फिरहाद हकीम और सुब्रत मुखर्जी और विधायक मदन मित्रा को हिरासत में लिया. कुछ ही घंटों में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीबीआई कार्यालय पहुंच गईं. टीएमसी नेताओं के साथ, कोलकाता के पूर्व मेयर सोवन चटर्जी को भी सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.

राज्यपाल ने दी थी मुकदमा चलाने की अनुमति
नारदा स्टिंग ऑपरेशन  (Narada Sting Operation) मामले में टीएमसी नेताओं को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कार्यालय ले जाया गया. कुछ दिन पहले बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सीबीआई को इन टीएमसी नेताओं के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी. धनखड़ ने तृणमूल कांग्रेस को कहा था कि उन्हें अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.

TMC ने उठाए सवाल
तृणमूल सांसद और वकील कल्याण बनर्जी ने बताया कि पार्टी नेताओं ने इन मामलों में हमेशा सीबीआई का सहयोग किया है. बनर्जी ने कहा, 'अब सीबीआई का कहना है कि उन्होंने चारों को गिरफ्तार कर लिया है क्योंकि वे उनके खिलाफ चार्जशीट जमा कर रहे हैं. अगर वे चार्जशीट जमा कर रहे हैं, तो इसका मतलब है कि जांच खत्म हो गई है तो उन्हें हिरासत में नेताओं की आवश्यकता क्यों है और गिरफ्तारी का अनिवार्य नोटिस कहां है यह पूरी तरह से अवैध और राजनीति से प्रेरित है. हम अदालत का रुख करेंगे.'

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