Durga Puja Arrangements: संस्कृति और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि दुर्गा पूजा को यूनेस्को का टैग दिलवाने में उन नॉन बंगालियों का योगदान है जिन्होंने इसके लिए लगातार काम किया है. उन्होंने ये भी कहा कि यूनेस्को (UNESCO) का दर्जा केंद्र सरकार द्वारा की कई कोशिशों की वजह से मिला है.
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West Bengal Vs Central Govt: जब से यूनेस्को (UNESCO) ने विश्व धरोहर की सूची में दुर्गा पूजा (Durga Puja) को शामिल किया है उसके बाद इसका क्रेडिट लेने की होड़ में पश्चिम बंगाल की सरकार और केंद्र सरकार के बीच क्रेडिट वार को लेकर सियासत तेज हो गई है. इस मामले पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के एक्टिव होने के बाद अब संस्कृति और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी (Meenakshi Lekhi) ने उन पर निशाना साधा है. मीनाक्षी लेखी ने कहा कि सिर्फ अरेंजमेंट कर लेने भर से विश्व धरोहर का दर्जा नहीं मिलता है क्योंकि कोलकाता से बेहतर इंतजाम तो दिल्ली के सीआर पार्क और पहाड़गंज में होने वाली दुर्गा पूजा में होता है.
यूनेस्को का टैग दिलाने में किसका योगदान?
संस्कृति और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि दुर्गा पूजा को यूनेस्को का टैग दिलवाने में उन तमाम नॉन बंगालियों का योगदान है जिन्होंने इसके लिए लगातार काम किया है. उन्होंने यह भी कहा कि यूनेस्को का दर्जा केंद्र सरकार द्वारा की कई कोशिशों की वजह से मिला है.
क्या है पूरा मामला
दुर्गा पूजा को विश्व धरोहर की सूची में शामिल किए जाने के बाद इस पर जोर शोर से राजनीति शुरू हो गई है. दरअसल बंगाल सरकार की तरफ से ये दिखाने की कोशिश की गई कि सरकार की तरफ से दुर्गा पूजा के लिए इतने बेहतरीन इंतजाम किए जाते हैं, लिहाजा इस को विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया है. लेकिन बंगाल सरकार के प्रयासों को लेकर अब केंद्र सरकार की तरफ से विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने निशाना साधते हुए कहा है कि बीते तीन-चार सालों से संस्कृति मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की तरफ से लगातार जो प्रयास किए गए उसकी वजह से ही दुर्गा पूजा को विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया जा सका है. मीनाक्षी लेखी ने यह भी कहा कि इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से कुंभ का नाम भेजा गया था, अबकी बार हमने गरबा को भेजा है.
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