West Bengal: ममता सरकार का बड़ा फैसला, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की बढ़ाई सैलरी, इतना होगा इजाफा
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West Bengal: ममता सरकार का बड़ा फैसला, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की बढ़ाई सैलरी, इतना होगा इजाफा

West Bengal News:  भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद उन पर निशाना साधा. बीजेपी सांसद दिलीप घोष ने कहा, 'ममता बनर्जी वोट पाने के लिए चुनाव से ठीक पहले रिश्वत देती हैं. यह उनकी तकनीक है. 

 

West Bengal: ममता सरकार का बड़ा फैसला, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की बढ़ाई सैलरी, इतना होगा इजाफा

Mamata Banerjee News: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आशा और आंगवाड़ी कार्यकर्ताओं की सेलरी में इजाफा करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, 'अप्रैल से वेतन में 750 रुपये की बढ़ोतरी की जा रही है. आशा कार्यकर्ता वे हमारा गौरव हैं क्योंकि वे बहुत कड़ी मेहनत करती हैं और हर बुरे समय में हमारा साथ देती हैं' 

सीएम ने कहा, 'मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का वेतन भी अप्रैल से 750 रुपये बढ़ा दिया गया है. आईसीडीएस सहायकों को लगभग 6,000 रुपये मिलते हैं, 1 अप्रैल से उनका वेतन 500 रुपये बढ़ जाएगा. मुझे उम्मीद है कि वे जीवन में अच्छा करेंगे.' उन्होंने कहा, 'मां माटी मानुष' सरकार हमेशा लोगों के साथ रहेगी.'

'ममता वोट पाने के लिए रिश्वत देती हैं' 
वहीं भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद उन पर निशाना साधा. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक बीजेपी सांसद दिलीप घोष ने कहा, 'ममता बनर्जी वोट पाने के लिए चुनाव से ठीक पहले रिश्वत देती हैं. यह उनकी तकनीक है. दो महीने बाद वह कहेंगी कि हमारे पास पैसा नहीं है इसलिए हम इस योजना को बंद कर रहे हैं. राज्य के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. न ही महिलाएं सुरक्षित हैं और न ही रोजगार/शिक्षा/स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था है. लोग ममता बनर्जी से छुटकारा पाना चाहते हैं...'

'केंद्र ने नहीं हमने वादे किए पूरे'
इससे पहले मंगलवार (5 मार्च) को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी के 'मोदी की गारंटी' नारे पर कटाक्ष करते हुए दावा किया कि उनकी सरकार के किए गए वादे पूरे हुए हैं, जबकि केंद्र सरकार के वादे पूरे नहीं हुए. 

एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'हमने किए गए सभी वादे पूरे किए हैं. पश्चिम बंगाल में सभी वर्गों के लोगों को राज्य की योजनाओं के तहत लाभ मिलता है. लेकिन क्या किसी को केंद्र का बेटी पढ़ाओ लाभ मिला है?'

राज्य की महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता योजना ‘लक्ष्मी भंडार’ के बारे में उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इसके तहत 25,000-30,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य में 66-68 कल्याणकारी योजनाएं हैं जो जन्म से लेकर मृत्यु तक जीवन के हर पड़ाव को छूती हैं.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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