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नई दिल्ली: किसी भी जीव को जीने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है. फिर चाहे वो इंसान हो, जानवर या कोई पक्षी. लेकिन आपने देखा होगा कि पक्षी अंडे देते हैं. पक्षी का अंडा पूरी तरह से बंद होता है. लेकिन कभी आपने सोचा है कि जब अंडा पूरी तरह से बंद होता है, तो उसके भीतर चूजा यानी भ्रूण जिंदा कैसे रहता है? आखिर उसे ऑक्सीजन कहां से मिलती है. आइए बताते हैं इसका सच.
इस सवाल तक पहुंचने में कई साल लग गए. आपने देखा होगा कि अंडा एक कठोर खोल (shell) होता है, जिसे देखने पर ये पूरी तरह से पैक लगता है. लेकिन उसके नीचे झिल्लियां (membrane) होती हैं. जो हमें सामान्य तौर पर दिखाई नहीं देती. झिल्लियों के बीच एक छोटी वायु कोशिका (air cell) होती है. इसी के अंदर ऑक्सीजन भरी होती है.
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आपको जानकर हैरानी होगी कि मुर्गी के अंडे के खोल में 7,000 से ज्यादा छेद होते हैं. अगर आप magnifying glass की मदद से अंडे को ध्यान पूर्वक देखेंगे तो उसके अंदर आपको छोटे-छोटे छेद (pores) दिखाई देंगे. इनमें से ना केवल ऑक्सीजन अंदर जाती है बल्कि कार्बन डाइऑक्साइड बाहर भी आती है.
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इतना ही नहीं इन्हीं कोशिकाओं की मदद से चूजे को पानी भी मिलता है. भ्रूण के पूर्ण विकसित हो जाने के बाद विहंग शिशु अंडे रूपी कैदखाने से बाहर आने के लिए अपनी चोंच से बार-बार प्रहार करता है. इससे अंडे के बीचों-बीच या अन्य किसी चौड़े स्थल पर एक दरार हो जाती है, जिससे चूजा बाहर निकल आता है. जब वो बाहर आता है तो एक तरल पदार्थ से भीगा रहता है. लेकिन जल्द ही हवा के संपर्क में आने से सूख जाता है.
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