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आज हम आपको बताएंगे कि ED ने ऐश्वर्या राय बच्चन से मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में आज साढ़े 6 घंटे तक पूछताछ क्यों की? जब ऐश्वर्या राय बच्चन ED के दफ्तर जाने के लिए आज रास्ते में होंगी, उसी वक़्त अमिताभ बच्चन ने भी एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि भरोसे के टूटने की गूंज जीवन भर सुनाई देती है. इसके अलावा आज जया बच्चन भी संसद में काफ़ी ख़राब मूड में नज़र आईं. तो आज हम आपको बताएंगे कि बच्चन परिवार का भरोसा किसने तोड़ा है. आज ऐश्वर्या राय बच्चन से ED के दफ़्तर में साढ़े 6 घंटे तक पूछताछ हुई. अक्सर मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में इतनी देर तक तभी पूछताछ होती है, जब जांच एजेंसी के पास कुछ ठोस सबूत हों. इसलिए इस पूछताछ ने आज बच्चन परिवार की चिंता बढ़ा दी है.
ऐश्वर्या राय बच्चन से ये पूछताछ पनामा पेपर्स लीक मामले में हुई है. इसलिए आपको पहले ये समझना होगा कि आखिर ये पनामा पेपर्स लीक किस चिड़िया का नाम है?
पनामा मध्य अमेरिका का एक देश है. आप नक्शे पर इस देश को देख सकते हैं. इस देश में एक लॉ फर्म है, जिसका नाम है ''Mossack Fonseca'' (मोज़ैक फोंसेका). वर्ष 2013 में इस कम्पनी के सर्वर को हैक कर लिया गया था और इसका सारा डेटा चुरा लिया गया था. बाद में जब अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारों के एक समूह ने इस कम्पनी के डेटा का अध्ययन किया तो पता चला कि इस कम्पनी ने दुनिया के कई बड़े और प्रतिष्ठित लोगों की टैक्स बचाने में और काले धन को सफेद बनाने में मदद की थी.
उस समय 70 देशों के 370 पत्रकारों ने टैक्स से संबंधित करीब 1 करोड़ 15 लाख दस्तावेज़ों का एक-एक कर के खुलासा किया था. अब क्योंकि ये सभी दस्तावेज पनामा देश की एक लॉ फर्म के थे, इसलिए इस खुलासे को पनामा पेपर्स लीक कहा गया. तब इसमें बताया गया था कि ये कंपनी 42 देशों में सक्रिय है. और जिन देशों को टैक्स हैवेन (Tax Haven) कहा जाता है, वहां काले धन को सफेद बनाने का काम किया जाता है.
Switzerland, Cyprus, British Virgin Island, Hong Kong और पनामा. अब आपके मन में भी सवाल होगा कि इन देशों को Tax Haven क्यों कहते हैं और यहां ऐसा क्या है कि दुनिया के बड़े बड़े लोग इनके पास खींचे चले आते हैं तो इसके पीछे तीन वजह है.
पहला इन देशों में जब कोई व्यक्ति निवेश करता है या कोई कम्पनी शुरू करता है तो उसे Source of Revnue नहीं बताना होता. उसे ये नहीं बताना होता कि उसके पास पैसा कहां से आ रहा है, किस देश से आ रहा है. दूसरी बात इन कम्पनियों के जो मालिक होते हैं, उनकी पहचान ये देश पूरी तरह गोपनीय रखते हैं. किसी भी सूरत में ये देश दूसरे देशों को ये नहीं बताते कि किस कम्पनी का डायरेक्टर और Investor कौन है. और तीसरी बात इन देशों में टैक्स भी बहुत कम देना होता है. और यहां से पैसा घुमा फिरा कर भारत और दूसरे देशों में लाना आसान होता है. उदाहरण के लिए किसी व्यक्ति ने भारत में टैक्स चोरी के पैसों से पनामा में एक फर्जी कम्पनी बनाई. इस कम्पनी का जो सालाना रेवन्यू होगा, उस पर वहां कम टैक्स लगेगा. और ये पैसा निवेश और दूसरे रूप में भारत आ जाएगा. और यही वजह है कि भारत के ज्यादातर अमीर लोग इन देशों में अपना काला धन, सफेद करने के लिए जाते हैं.
वर्ष 2016 में जब ये खुलासा हुआ था, तब इसमें 500 भारतीयों के नाम होने की बात सामने आई थी. इनमें कई बड़े नेता, कुछ पूर्व मुख्यमंत्री थे और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के भी नाम सामने आए थे. और बच्चन परिवार भी इन्हीं में से एक है.
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