Rohini Ghavari: भारत के इंदौर के सफाई कर्मचारी की बेटी रोहिणी घावरी के बारे में आज हर कोई जानना चहता है. रोहिणी ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में राम मंदिर और भारत से जुड़े कुछ विषयों पर स्पीच दी थी. उनकी स्पीच की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है.
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Rohini Ghavari: भारत के इंदौर के सफाई कर्मचारी की बेटी रोहिणी घावरी के बारे में आज हर कोई जानना चहता है. रोहिणी ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में राम मंदिर और भारत से जुड़े कुछ विषयों पर स्पीच दी थी. उनकी स्पीच की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है. सोशल मीडिया यूजर्स से लेकर बुद्धिजीवी वर्ग में भी रोहिणी की तारीफ हो रही है. वहीं, कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें रोहिणी की स्पीच कांटों की तरह चुभने लगी है. आइये जानते हैं रोहिणी कौन हैं और उन्होंने यूएन में क्या स्पीच दी?
मैं तीसरी बार विश्व संसद #Unitednations में एक अहम विषय पर भाषण देने आयी हू मेरा भाषण अपने देश भारत में आपसी भाईचारा बढ़ाये जाने एवं एकता की ताक़त से देश को आगे बढ़ाने के मक़सद से अति महत्वपूर्ण है
उम्मीद है पूरा देश मेरी #Unitednations की स्पीच से गौरवान्वित होगा #Hrc55 pic.twitter.com/uwKDBcglOI— Rohini Ghavari ( रोहिणी ) (@RohiniGhavari11) March 15, 2024
संयुक्त राष्ट्र में अयोध्या राम मंदिर की गूंज
रोहिणी घावरी ने संयुक्त राष्ट्र में अयोध्या राम मंदिर के बारे में बात की. उन्होंने राम मंदिर को भारत की आस्था, विरासत और सद्भाव से जोड़ा. स्पीच में उन्होंने कहा कि राम मंदिर.. ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व तो रखता ही है, इसका बड़ा आर्थिक महत्व भी है. यह राष्ट्र के लिए नौकरियां और विकास पैदा करके आर्थिक विकास में योगदान दे रहा है.
रोहिणी घावरी की यूएन में दी गई स्पीच.. (सोर्स-रोहिणी घावरी X पोस्ट)
सभी रामभक्तों को #Unitednations से मेरा जयश्री राम..
अपने देश में आपसी भाईचारा बढ़ाए जाने के मकसद से एवं पाकिस्तान द्वारा UN में राम मंदिर पर नेगेटिव बोलने पर मेरा जवाब सुनिए!
मैं चाहती हूं हम सभी आपस में मिलजुल कर रहें और देश की तरक्की में योगदान दें!!
..आज मैं इस बात पर प्रकाश डालना चाहती हूं कि कैसे राम मंदिर.. आस्था, विरासत और सद्भाव को जोड़ता है!!
सभी रामभक्तों को #Unitednations से मेरा जयश्री राम
अपने देश में आपसी भाईचारा बढ़ाए जाने के मक़सद से एवं पाकिस्तान द्वारा UN में राम मंदिर पर नेगेटिव बोलने पर मेरा जवाब सुनिए
मैं चाहती हूँ हम सभी आपस में मिलजुल कर रहे और देश की तरक़्क़ी में योगदान देहिन्दी अनुवाद… pic.twitter.com/SR62iwSopQ
— Rohini Ghavari ( रोहिणी ) (@RohiniGhavari11) March 16, 2024
-22 जनवरी 2024 भारतीय इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन है. भारत आध्यात्मिकता के क्षेत्र में हमेशा विश्वगुरु रहा है और अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में नए मील के पत्थर हासिल करने के साथ, हम विकास और आध्यात्मिकता के बीच महान संतुलन का सबसे अच्छा उदाहरण बन गए हैं.
-मैं गर्व से कहती हूं कि मैं वाल्मिकी समाज से आती हूं और हमारे प्रभु वाल्मिकी ने महाकाव्य रामायण के माध्यम से पूरे विश्व को श्री राम का परिचय दिया.
-अध्यक्ष महोदय, #HRC54 के दौरान अपने पिछले भाषण में, मैंने भारतीय संविधान की ताकत के बारे में बात की थी. अब भारतीय न्यायपालिका ने समुदायों के बीच कोई वैमनस्य पैदा किए बिना राम जन्मभूमि पर एक दशक से चले आ रहे विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करके अपनी ताकत साबित कर दी है. फैसले का भारतीय समाज के सभी वर्गों ने स्वागत किया है.
-ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के अलावा, अयोध्या राम मंदिर का बड़ा आर्थिक महत्व भी है. राम मंदिर आस्था, एकता और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है और रोजगार, पर्यावरणीय स्थिरता और राष्ट्र के विकास का सृजन करके आर्थिक विकास में योगदान देता है. इस प्रकार, अयोध्या राम मंदिर सिर्फ एक मंदिर नहीं है; यह प्राचीन और आधुनिक दोनों मूल्यों वाले नए भारत का एक महान उदाहरण है.
...धन्यवाद प्रेसिडेंट महोदय
रोहिणी को ट्रोल करने की कोशिश
रोहिणी का भाषण जिसने भी सुना, उसने तारीफ ही की. लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके स्पीच का वीडिया जैसे ही वायरल हुआ, कुछ लोग इसकी आलोचना करने में भी जुट गए. ट्रोलर्स ने रोहिणी को ट्रोल करने की पूरी कोशिश की. कुछ ही देर में एक्स पर #ShameOnYouRohini ट्रेंड करने लगा. कहा जा रहा था कि ये ट्रोलर्स पाकिस्तान से थे या फिर पाकिस्तान के अंधभक्त. रोहिणी ने बेबाकी से इन ट्रोलर्स को जवाब दिया.
कौन हैं रोहिणी घावरी?
यूएन में भारत का डंका बजाने वाली रोहिणी के बारे में अब हर कोई जानना चाहता है. आइये आपको बताते हैं रोहिणी कौन हैं? इंदौर की रहने वाली रोहिणी जिनेवा से पीएचडी कर रहीं हैं. वे एक सफाई कर्मचारी की बेटी हैं. उन्हें जिनेवा में पढ़ाई के लिए भारत सरकार से 1 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप मिली है. वह खुद को अंबेडकरवादी बताती हैं.