DNA: जिसके लिए दी जाती है शांति की मिसाल, वो आयरलैंड दंगे की आग में कैसे जल उठा?
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DNA: जिसके लिए दी जाती है शांति की मिसाल, वो आयरलैंड दंगे की आग में कैसे जल उठा?

DNA Analysis: दुनिया के सबसे शांतिप्रिय देशों में शामिल आयरलैंड में दंगे होने की खबर आई. जहां की राजधानी डबलिन में पूरी रात दंगाइयों ने शहर में जगह-जगह आगजनी की और तोड़फोड़ मचाई. आखिर ऐसा क्या हुआ जो खुशहाल देश आयलैंड दंगों की आग में जलने लगा?

फाइल फोटो

World Happiness Index में दुनिया के चौदहवें सबसे खुशहाल देश आयरलैंड में गुरुवार की रात दंगे हो गए. ये दंगे आयरलैंड की राजधानी डबलिन में हुए. जहां पूरी रात दंगाइयों ने पूरे शहर में जगह-जगह आगजनी की. दुकानों में तोड़फोड़ मचाई. होटलों में हमले किए और बस, ट्राम्स और पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी. पूरी रात सैकड़ों दंगाईयों ने लूटपाट मचाई और पुलिस के साथ हाथापाई की. हिंसा और दंगे को कंट्रोल करने के लिए डबलिन शहर में 400 से ज्यादा पुलिसवालों को तैनात किया गया लेकिन फिर भी पूरी रात डबलिन की सड़कों पर दंगाइयों की भीड़ आगजनी, लूटपाट, तोड़फोड़ मचाती रही.

ये उस देश की तस्वीरें हैं जिसे दुनिया के सबसे शांतिप्रिय देशों की लिस्ट में रखा जाता है. ये दंगे आगजनी व हिंसा उस देश में हो रही है जिसे दुनिया के सबसे खुशहाल देशों में गिना जाता है तो आखिर ऐसा क्या हो गया कि आयरलैंड दंगों की आग में जलने लगा और इतनी ज्यादा हिंसा फैल गई.

डबलिन में क्यों हुए दंगे?

डबलिन में एक स्कूल के बाहर कुछ बच्चों पर एक हमलावर ने चाकू से हमला कर दिया. इसमें तीन बच्चों को गंभीर चोटें आईं. इस हमले में एक टीचर भी घायल हो गई. पुलिस ने हमलावर को गिरफ्तार कर लिया.

इस घटना के विरोध में गुरुवार दोपहर डेढ़ बजे डबलिन में हिंसा की शुरुआत हुई. देखते ही देखते ये विरोध प्रदर्शन हिंसा में बदल गया. चेहरे पर मास्क लगाकर दंगाई स्टील रॉड्स लेकर सड़कों पर उतर गए. दुकानों को लूटने लगे. बस और ट्राम्स में आग लगाने लगे. तोड़-फोड़ मचाने लगे.

पुलिस और दंगाइयों के बीच झड़प

पुलिस ने जब हिंसा को रोकने की कोशिश की तो दंगाई पुलिस से ही भिड़ गए. पुलिस और दंगाइयों के बीच जमकर शक्ति प्रदर्शन चला. कई जगह पर तो दंगाइयों ने पुलिस की गाड़ियों में ही आग लगा दी. अब सोचने वाली बात ये है कि डबलिन में हिंसा और दंगों के लिए सिर्फ बच्चों पर हमले की घटना जिम्मेदार है? या इस घटना ने आयरलैंड के लोगों के दिल में सुलगती आग को सड़कों पर ला दिया है?

इस हिंसा की शुरुआत एक अफवाह से हुई. अफवाह ये फैली कि बच्चों पर चाकू से हमला करने वाला शख्स एक Algerian शरणार्थी है. इसके बाद सोशल मीडिया पर ये खबर आग की तरह फैली और फिर डबलिन शहर में हिंसा और दंगे फैल गए.

विरोध प्रदर्शन में दिखे बैनर

लोगों की भीड़ Irish Flags और Irish Lives Matter के बैनर लेकर सड़कों पर उतर गई और अपनी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने लग गई. लोग आयरलैंड सरकार की शरणार्थी नीति के खिलाफ नारे भी लगा रहे थे.

इतना ही नहीं... लोगों ने डबलिन के उस होटल में भी आग लगा दी जिस होटल में आयरलैंड सरकार ने शरणार्थियों को ठहराने का इंतजाम किया हुआ था. होटल के बाहर पूरी रात प्रदर्शन होते रहे. होटल में तोड़फोड़ भी की गई.

ये घटना बताती है कि आयरलैंड के लोगों में शरणार्थियों के खिलाफ कितना आक्रोश और गुस्सा है. हालांकि, पुलिस डबलिन की हिंसा और दंगे को लेकर कोई क्लेरिटी नहीं दे रही है कि स्कूली बच्चों पर हमला क्यों और किसने किया?

52 लाख की आबादी वाले आयरलैंड जैसे देश में इतनी जबरदस्त हिंसा फैलने के पीछे वहां की सरकारी शरणार्थी नीति है. इसकी वजह से आयरलैंड में प्रवासियों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है.

रूस-यूक्रेन जंग शुरु होने के बाद से आयरलैंड में करीब एक लाख यूक्रेनी शरणार्थी पहुंच चुके हैं. वर्ष 2021 और 2022 दोनों वर्ष एक-एक लाख प्रवासी Ireland में शरण लेने पहुंचे थे. इस वक्त आयरलैंड में करीब 74 हजार शरणार्थी आवेदन पेंडिंग हैं जिनमें से 49000 से ज्यादा अकेले यूक्रेन के प्रवासी हैं. जबकि, एक साल पहले तक ये संख्या सिर्फ 7500 थी.

Ireland के लोगों का मानना है कि शरणार्थियों की वजह से देश में Healthcare System और Housing Crisis पैदा हो गई है. आम भावना ये है कि Ireland आने वाले शरणार्थी वहां के लोगों के अधिकार छीन रहे हैं.

Ireland में हुए एक Public Poll में सामने आया था कि 56 प्रतिशत Irish लोग मानते हैं कि सरकार ने पिछले एक साल में बहुत ज्यादा प्रवासियों को शरण दी है.

Housing Crisis की वजह से 70 फीसदी लोगों ने कहा था कि वो सिर्फ इसलिए विदेश जाने के बारे में सोच रहे हैं क्योंकि वो आवास का खर्च नहीं उठा सकते.

Ireland में Housing Crisis कितना बड़ा है. इसका पता इससे भी चलता है कि वर्ष 2021 में वहां 8000 लोग बेघर थे और एक साल में ही ये संख्या 50 फीसदी से ज्यादा बढ़कर 13 हजार से ज्यादा हो चुकी है.

Ireland में शरणार्थियों की बढ़ती हुई संख्या के विरोध में पहले भी प्रदर्शन होते रहे हैं. खासकर उन होटलों और Shelter Homes के बाहर लोगों की भीड़ विरोध प्रदर्शन करती रही है, जहां Ireland सरकार ने शरणार्थियों को ठहरने की सुविधा दी हुई है. हालांकि, Ireland की सरकार अपनी जनता की आवाज को अनसुना करते हुए प्रवासियों को शरण देने की अपनी नीति पर अड़ी हुई है लेकिन प्रवासियों को शरण देने की सरकारी नीति पर अब Ireland का समाज दो गुटों में बंट चुका है और इसी का नतीजा था डबलिन में फैले दंगे.

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